Friday, April 26, 2024
Homeआज का दिनपूर्वोत्तर में तीन राज्यों का उदय

पूर्वोत्तर में तीन राज्यों का उदय

नेहा राठौर (21 जनवरी) 

भारत के इतिहास में  21 जनवरी का एक अलग ही महत्व है। आज ही के दिन 1972 में देश के पूर्वोत्तर में तीन राज्य त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर का उदय हुआ। उन्हें राज्य का दर्जा मिला । ये तीनों राज्य भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित हैं। इन राज्यों की अपनी— अपनी खासियत है।

त्रिपुरा की सीमा उत्तर में बांग्लादेश, दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में असम और मिजोरम के भारतीय राज्यों से लगती है। त्रिपुरा को पहले तिपेरा के नाम से भी जाना जाता था। त्रिपुरा में किसी भी भारतीय राज्य में पाए जाने वाले प्राइमेट प्रजातियों की संख्या सबसे अधिक है। यहां की भौगोलिक अलगाव के कारण राज्य में आर्थिक प्रगति बाधित है। आज भी वहां गरीबी और बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है। यहां के ज्यादातर लोग कृषि और संबंद्ध गतिविधियों में शामिल है, हालांकि इस राज्य में सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है।

ये भी पढे़ं – फाइबर ऑप्टिक्स से परिचय करवाने वाले कपानी ने प्रकाश को मोड़ना सिखाया

मेघालय

मेघालय जिसका अर्थ है बादलों का निवास। इस राज्य की राजधानी शिलोंग है। भारत पर ब्रिटिश शासन के दौरान, तब ब्रिटिश शाही अधिकारियों ने इसे पूर्व स्कॉटलैंड का नाम दिया था। यह राज्य पहले असम का हिस्सा था, लेकिन 21 जनवरी 1972 को असम के खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ियों के जिले को मिलाकर मेघालय नए राज्य बनाया गया। मेघालय में अंग्रजी को आधिकारिक भाषा माना गया है। इस राज्य ने भारत के बाकि राज्यों से अलग एतिहासिक रूप से मातृसत्तात्मक प्राणाली का पालन किया है, इस प्राणली में वंश और विरासत के माध्यम से महिलाओं का पता लगाया जाता है। घर की सबसे छोटी बेटी को सारी दौलत विरासत से दी जाती है और वह अपने माता-पिता की देखभाल भी करती है।  इसकी दक्षिणी खासी पहाड़ियों में सबसे ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में एक साल में औसतन 470 इंच बारिश होती है।

मणिपुर

मणिपुर इस राज्य की राजधानी इम्फाल है। इस राज्य के नाम का अर्थ है गहना। मणिपुर में मुख्य रूप से कृषि प्रधान अर्थ व्यवस्था है, जिसमें महत्वपूर्ण पनबिजली उत्पादन क्षमता है। यह राज्य कई खेलों का घर है यहां का नृत्य पुरे देश में प्रसिद्ध है। 11 अगस्त 1947 में इस राज्य के महाराजा बुद्धचंद्र ने भारत में शामिल होने के साधन के रूप में हस्ताक्षर किए थे। और बाद में इसका विलय भारत में कर लिया गया। इस वजह से यह राज्य बन गया। यह विलय सबकी सहमति से नहीं हआ था इसलिए इस राज्य ने आजादी के बाद कई सालों तक दंगों, विवादों का सामना किया। आखिर में 1971 में, पाकिस्तान से लड़ाई के बाद इन तिनों राज्यों को असल में भारत के राज्य होने का दर्जा मिला। इसीलिए भारत में आज ही के दिन इनके राज्य बनने की खुशी मनाई जाती है।

देश और दुनिया की तमाम ख़बरों के लिए हमारा यूट्यूब चैनल अपनी पत्रिका टीवी (APTV Bharat) सब्सक्राइब करे।

आप हमें Twitter , Facebook , और Instagram पर भी फॉलो कर सकते है।   

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments