देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट
आपको ज्ञात है कि आज ट्रैफिक जाम है। इस वजह से वैभव, ऐश्वर्यादि,संपन्नता, प्रसन्नता, प्रगति, सुख, समृद्धि, संपदा, शांति को लेकर गाड़ी देर से पहुंच रही है। आप अपने घर में दीपों की आवली, दीपों की श्रृंखला से प्रकाश कर देना जिससे कि गाड़ी भटक ना जाए।
इसी तरह से अपने हृदय में किसी भी प्रकार का जो ईर्ष्या, द्वेष, अज्ञानता का अंधकार है उसको भी इस शुभ अवसर पर प्रेम और क्षमा से दूर कर देना। क्योंकि आज ही के दिन महर्षि दयानंद का 140वां निर्वाण दिवस है।
हां जी ,हम उसी महर्षि दयानंद की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने हत्यारे रसोईया पंडित जगन्नाथ को अपनी संचित निधि को देकर दूर नेपाल भाग जाने की सलाह दे दी थी।
यही तो ईर्ष्या द्वेष,क्लेश को जीतकर प्रेम और क्षमा करने की पराकाष्ठा है।
विश्व के इतिहास में ऐसा कहीं कोई महान व्यक्तित्व नहीं होगा जो अपने हत्यारे को अपने पास से पैसे देकर दूर भाग जाने के लिए कह दे।
हमें महर्षि दयानंद से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को उनके आचरण के अनुकूल क्रियात्मक रूप से बनाना चाहिए।
ध्यान रखें ,वैभव एवं ऐश्वर्य आदि की गाड़ी जल्दी पहुंच रही है।
एक भ्रांति को हमें और दूर करना चाहिए कि रामचंद्र जी आज के दिन अयोध्या नहीं पहुंचे थे। इसके विपरीत आपको बहुत सारे टीवी चैनल,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया इस झूठ को प्रचारित और प्रचारित करते हुए मिलेंगे। रामचंद्र जी महाराज चैत्र माह में अयोध्या पहुंचे थे। दीपावली का रामचंद्र जी के आगमन से कोई संबंध नहीं है।