Friday, April 26, 2024
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नीतीश बने अपने ‘माननीयों’ के लिए सुरक्षा कवच

 नेहा राठौर

आज तक सोशल मीडिया पर भ्रमक और नकारात्मक खबरों को लेकर ही कार्रवाई होती थी, लेकिन अब बिहार में नीतीश सरकार ने अपने मंत्रियों को सुरक्षा का चोला ओढ़ाते हुए, सोशल मीडिया में उनकी छवि खराब करने या उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के लिए भी कानून को कड़ा कर दिया है। सीधी बात यह है कि अब कोई भी बिहार में किसी भी मंत्री, विधायक, सांसाद और ब्यूरोक्रेट के काम या उसके निजी जीवन को लेकर सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणी नहीं लिख सकता है।

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अगर कोई आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसके जेल जाने तक की नौबत आ सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर यानि फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसी साइट्स पर सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायक या सरकारी अफसर के खिलाफ अगर किसी ने भी कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी की तो उस पर पुलिस अफसरों को कानूनी कार्रवाई की  जा सकती है। इस दायरे में झूठ और भ्रम फैलाने वाले लोग, ग्रुप और संस्थाएं को भी  रखा गया है।

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इस बारे में सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को चिट्ठी लिख दी है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि सरकार के किसी मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसर की छवि धूमिल करने के आरोप में पोस्ट लिखने वालों पर आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पत्र में बताया गया है कि अगर आपके विभाग में इस तरह का मामला सामने आता हैं, तो आर्थिक अपराध इकाई को इसकी विस्तृत सूचना दी जाए, ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके। आर्थिक अपराध इकाई साइबर अपराध की नोडल एजेंसी है।

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ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि इंटरनेट मीडिया का गलत इस्तेमाल करना साइबर अपराध के दायरे में आता है।   इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग सीआईडी  भी संचार विंग बनाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस बड़े आपराधिक मामलों को लेकर अपडेट देती रहेगी, ताकि लोगों तक सही सूचना पहुंच सके और लोगों में भ्रम को कम फैलने से रोका जा सके।

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