Saturday, April 27, 2024
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दुनिया के 50 प्रदूषित शहरों में 7 भारत के , हवाओं में धुआं फिजाओं में जहर

नेहा राठौर

यह शहर भी क्या शहर है, हवाओं में धुआं है, फिजाओं में जहर है। यह मिसाल दिल्ली के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है। देश की राजधानी दिल्ली या कहे की प्रदुषण का शहर अब लोग इसे इसी नाम से जानने लगे हैं। इसकी पुष्टी गैर लाभकारी संगठन ओपन एक्यू की एक रिपोर्ट ने भी कर दी है। इस संगठन ने एक रिपोर्ट में दुनिया के 50 प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। इन 50 शहरों में भारत के सात शहर भी शामिल हैं। इस रिसर्च में सामने आया है कि पूरी दुनिया के 33 बड़े शहरों में पीएम 2.5 का स्तर चार गुना से अधिक है। इस रिसर्च में हर शहर को उसके बढ़ते एक्यू स्तर के अनुसार सूची में लगाया गया है।

ओपन एक्यू की सबसे प्रदूषित पचास शहरों की सूची में भारत की राजधानी दिल्ली को दूसरे स्थान पर रखा गया है। यहां पार्टीकुलेट मैटर या कण प्रदूषण 2.5 का औसत स्तर 102 है। रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के ज्यादातर बड़े शहरों में लोग ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं। रिपोर्ट में 16वें स्थान पर कोलकाता को 52.1 स्तर के साथ, 27वें स्थान पर 27.1 स्तर के साथ बेंगलुरू को, 34.3 स्तर के साथ चेन्नई, 38.2 के सालाना स्तर के साथ हैदराबाद, 56.7 स्तर के साथ 47वें स्थान पर अहमदाबाद और 43.40 स्तर के साथ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को रखा गया है। 

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दिल्ली मे प्रदूषण का कारण

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कई कारण है, यहां रोज 6500 हजार के करीब बसे चलती है। यहां वाहनों की बढ़ती तादाद के कारण रोज ट्रैफिक रहता है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं को बताया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली भारत के उन चार शहरों में से एक है जहां सबसे ज्यादा जाम रहता है। जाम के समय लोग अपनी गाड़ियों को बंद नहीं करते है, जिस वजह से धुआं बढ़ता है। दिल्ली में ही नहीं कई जगह लोग निजी गाड़ी चलाना ज्यादा पसंद करते है। इस वजह से दिल्ली में लोगों की निजी गाड़ियों के साथ-साथ पब्लिक ट्रंसपोर्ट की तादाद भी बढ़ती जा रही है। जिस वजह से प्रदूषण का संकट पैदा हो रहा है। सर्दियों में जगह-जगह कूड़ा जलाया जाता है, रातों को दिल्ली की सड़को पर ट्रेक्टर चलते है जो प्रदूषण एक कारण है।

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ई-वाहन नीति

दिल्ली सरकार ने इस प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ नए तरीकों को अपनाया है। दिल्ली में गाड़ियों से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को उपयोग में लाया जाएगा। साल 2024 तक दिल्ली में पंजीकृत होने वाले कुल वाहनों में कम से कम 25 फीसदी ई-वाहन शामिल है। दिल्ली में आई इलेक्ट्रिक साईकल भी इसी अभियान का ही हिस्सा है। इन इल्कैट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए यहां 100 ई- चार्जिंग स्टेशन जल्द तैयार किये जाएंगे। हाल ही में दिल्ली सरकार ने ‘दिल्ली स्वीच’ अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान में लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के फ़ायदों को गिनाएं जाएंगे। 

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