Tuesday, May 7, 2024
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दिशा को मिली जमानत, जमा करने होंगा एक लाख मुचलका

नेहा राठौर

नई दिल्ली। किसान आंदोलन से संबंधित ‘टूलकिट’ मामले में गिरफ्तार 21 वर्षिय पर्यारण कार्यकर्ता दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने 23 फरवरी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने दिशा को जमानत एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा करने की शर्त रखी है। इस पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से आगे की पूछताछ के लिए दिशा की रिमांड बढ़ाने की अपील की थी, जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया।

सुनवाई में अतिरिक्त सत्र न्यायधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने के बाद आरोपी दिशा रवि को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। उन्होंने दिशा को जमानत के लिए एक लाख रुपये का मुचलाका और इतनी ही रकम के दो जमानती जमा करने को कहा है।

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ‘टूलकिट’ को सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में दिशा को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दिशा और अन्य के खिलाफ राजद्रोह सहित विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।

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बता दें कि शनिवार को दिशा रवि के वकील ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से कहा था कि अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि किसानों के प्रदर्शन से जुड़ा टूलकिट 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद अदालत ने उसकी जमानत याचिका पर अपना आदेश मंगलवार तक सुरक्षित कर लिया था।  

दिल्ली पुलिस द्वारा दिशा की जमानत याचिका का विरोध किए जाने पर दिशा ने अपने वकील के जरिये अदालत से कहा था कि अगर किसानों के प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर उठाना राजद्रोह है, तो मैं जेल में ही ठीक हूं।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक टूलकिट नहीं था, इस पीछे असली मक्सद भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने का था। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दिशा ने वॉट्सऐप पर हुई चैट मिटा दी थी, जबकि उन्हें कानूनी कार्रवाई के बारे में पहले से ही पता था। इससे यह जाहीर होता है कि टूलकिट के पीछे के इसादे नापाक थे। पुलिस ने भारत को बदनाम करने और किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश में दिशा को हिस्सेदार बताया।

मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि 11 जनवरी को एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने  इंडिया गेट और लाल किले पर खालिस्तानी झंड़ा फहराने वाले को इनाम देने की भी घोषणा की थी।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह संगठन कनाडा से संचालित था और चाहता था कि कोई व्यक्ति इंडिया गेट, लाल किले पर झंडा फहराए। यह संगठन किसानों के विरोध की आड़ में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना चाहते थे और यही कारण है कि इसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन भी शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस ने खालिस्तानी संबंध पर कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों के लिए वैंकूवर एक अहम स्थान है और किसान एकता कंपनी नामक एक संगठन वैंकूवर में एक अन्य संगठन के संपर्क में है।

कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से पूछा कि 26 जनवरी की हिंसा के साथ टूलकिट के संबंध में आपने क्या सबूत जुटाए हैं? इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमरी जांच जारी है और हमें सबूतों की खोज करनी है।

दिशा रवि की वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि दिशा का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है और सिख फॉर जस्टिस या पीजेएफ से भी उनका कोई संबंध नहीं है।  

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