ब्लैक एंड व्हाइट दौर की सर्वश्रेष्ठ खुबसूरत अभिनेत्री मधुबाला

नेहा राठौर

1950 के दशक में अपनी अदाओं और सुंदरता से सबको मोहित करने वाली मधुबाला ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था। मधुबाला एक भारतीय अभिनेत्री, फिल्म निर्माता और पार्श्व गायिका थी, उन्होंने बंबई(अब मुंबई) आकर हिंदी फिल्मों में काम किया और लोकप्रियता पाई। मधुबाला का पूरा नाम ‘मुमताज जहान बेगम देहलवी’ था। उन्हें फिल्मों के लिए मधुबाला के नाम को अपनाया था। उनका जन्म 14 फरवरी 1933 को अताउल्लाह खान और आयशा बेगम के घर दिल्ली, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके पिता पश्तूनों की यूसुफ़जई जनजाति के थे और पेशावर घाटी में अपने परिवार के साथ रहते थे, जो आज़ादी के बाद पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। पेशावर में नौकरी जाने के बाद उनका परिवार दिल्ली में और फिर बाद में बॉम्बे में चले गए। 1944 बंबई विस्फोट हुआ था, जिसमें उनका घर टूट गया था, लेकिन उनके परिवार को कुछ नहीं हुआ, क्योंकि वह सब थिएटर में फिल्म देखने गए थे।

पहली फिल्म

बंबई आकर मधुबाला के पिता ने उनके लिए नौकरी की तलाश में कई फिल्म स्टुडियों के चक्कर लगाए और नौ साल की उम्र में मधुबाला की पहली फिल्म बनी, जिसका नाम बसंत था। इस फिल्म में उन्होंने उमा की बेटी के रूप में काम किया था। बसंत उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी थी। मधुबाला मीना कुमारी की प्रशंसक थी उनका मानना था कि उनके पास सबसे अनोखी आवाज़ है, जो और किसी नायिका के पास नहीं है। बसंत के बाद मधुबाला ने 1944 में फिल्म मुमताज महल में और धन्ना भगत में काम किया। धीरे—धीरे फिल्मों का कारवां इसी तरह बढ़ता गया। बाल कलाकार के रूप में राजपूतानी उनकी आखिरी फिल्म थी। 1950 के दशक में सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक भुगतान वाली अभिनेत्रिओं में से एक बन चुकी थी। उनपर फिल्माया गया मुगले आजम का एकमात्र रंगीन गाना प्यार किया तो डरना क्या आज भी लोगों की जुबान पर है।  उन्होंने अपने दो दशक के करियर में 73 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।

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छोटी सी जिंदगी

अपनी अदाकारी के बल पर मधुबाला भारतीय सिनेमा की सबसे सुंदर, महान और प्रभावशाली हस्तियों में से एक बन गई थी। मधुबाला पार्टियों और फिल्म प्रीमियर में जाना ज्यादा पसंद नहीं करती थी। उन्होंने 1960 में गायक और फिल्मकार किशोर कुमार से शादी की। मधुबाला का करियर बहुत छोटा रहा। एक लंबी बीमारी के चलते 36 वर्ष की आयु में मधुबाला का 23 फरवरी 1969 में निधन हो गया।  

विजय आनंद उर्फ गोल्डी

मधुबाला के अलावा फिल्म जगत से जुड़े एक और भारतीय फिल्म निर्माता,  पटकथा लेखक, संपादक और अभिनेता विजय आनंद ने भी 70 वर्ष की आयु में आज ही के दिन 2004 में आखिरी सांस ली थी। विजय आनंद को गोल्डी नाम से भी जाना जाता है। यह मसहुर अभिनेता देवानंद के बड़े भाई थे। इन्होंने अपने करियर में आर के नारायण की पुस्तक पर आधारित गाइड(1965) और टेसरी मनिलिल(1966) जैसी कई हिट फिल्में बनाईं।

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