देश

रिहाना के बाद ग्रेटा ने किसान आंदोलन को दिया समर्थन

By अपनी पत्रिका

February 03, 2021

नेहा राठौर

स्टॉकहोम: भारत में पिछले दो महीने से तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों को देश के कई नेताओं के साथ-साथ अब विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है। अमेरीकी सिंगर रिहाना के बाद स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गई है। ग्रेटा ने किसान आंदोलन को लेकर रिहाना के ट्विट के कुछ घंटों के बाद ही ट्वीट कर अपना समर्थन दिया। मंगलवार को ग्रेटा ने किसानों को समर्थन देते हुए ट्वीट कर लिखा कि, ‘हम भारत में चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में खड़े हैं।‘

बता दें कि ग्रेटा से पहले अमेरिकी सिंगर रिहाना भी किसान आंदोलन का समर्थन में ट्वीट कर चुकी हैं। रिहाना ने प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किए जाने वाली एक खबर को शेयर करते हुए लिखा की ‘हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?’ उन्होंने अपने ट्वीट के साथा #FarmersProtest भी जोड़ा है। रिहान एक अमेरिकी सिंगर है, ट्वीटर पर दस करोड़ फॉलोवर हैं और उनके इस ट्वीट को एक घंटे में हजारों लोगों ने रीट्वीट किया है।

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इन दोनों के अलावा ब्रिटेन की संसद सदस्य क्लाउडिया वेबबे ने भी भारतीय किसानों के साथ एकजुटता दिखाई है। क्लाउडिया ने रिहाना के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘भारतीय किसानों के प्रति एकजुटता। धन्यवाद रिहाना। एक ऐसे दौर में जहां राजनीतिक नेतृत्व की कमी है, हम दूसरों को आगे कदम बढ़ने के लिए आभारी हैं।‘

इन सबके साथ लेखक और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीणा ने भी आंदोलन कर रहे किसानों के साथ सोशल मीडिया पर अपना समर्थन दिखाया है। मीणा ने अपने ट्वीटर में लिखा कि हम सभी को भारत में इंटरनेट बंद और किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा से नाराज़ होना चाहिए। वहीं यूएस हाउस के प्रतिनिधि जिम कोस्टा ने भी माहौल को परेशान करने वाला बताया और कहा कि स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है। कोस्टा ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारत में सामने आने वाली घटनाएं परेशान कर रही हैं। विदेश मामलों की समिति के एक सदस्य के रूप में, मैं स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा हूं। शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए।

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बता दें कि किसान संगठन पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमा पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लगातार रद्द करने की मांग कर रहे है। इस विरोध में मुख्य तौर पर पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल हैं। इस बीच हरियाणा सरकार ने 3 फरवरी को शाम 5 बजे तक कई जिलों में मोबाईल इंटरनेट सेवाओं के बंद का अवधी भी बढ़ा दी है।

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