Thursday, May 2, 2024
Homeखेलइक्कीस साल की एथलीट हिमा अब है डीएसपी

इक्कीस साल की एथलीट हिमा अब है डीएसपी

नेहा राठौर

खेतों में काम करने और मुफलिसी के दौर से गुजरने वाली 21 साल की हिमा अब डीएसपी बन गई है। उन्हें यह इनाम उनकी एथलीट में मिली काबिलयत की बदौलत मिला है। एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता और जूनियर विश्व चैंपियन हिमा दास को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अंतरराष्ट्रीय एथलीट हिमा दास को 27 फरवरी को एक भव्य समारोह के दौरान पुलिस उपाधीक्षक पद (DSP) पर नियुक्ति का पत्र सौंपे। यह सम्मान पाकर हिमा भावविभोर हो गई। उन्हें यह नियुक्ति पत्र उसी सरुसजै खेल परिसर में मिला, जहां से उसने खेल की विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लिया। हिमा ने इस अवसर को अपने बचपन के सपने जैसा बताया है।

असम के धींग शहर के पास कंधुलिमारी गांव में जन्मी हिमा दास के पिता पेशे से एक किसान हैं। हिमा असम के हिंदू कैबार्टा समुदाय से हैं। वह अपने घर में पांच भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। इस मुकाम को हासिल करने में उन्होंने बहुत मेहनत की। एक छोटे से गांव से निकलकर उपाधिक्षक के पद तक पहुंचना उनके लिए बेहद चुनौतिपूर्ण था।  हिमा के माता—पिता उन्हें आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे, लेकिन गरीबी के कारण उनका खर्चा नहीं उठा सकते थे। इसलिए हिमा ने अपने पिता के साथ खेती भी की, लेकिन कुछ नहीं हो पाया। ऐसे में निणूर्ण दास ने आगे आकर हिमा का खर्च उठने का वादा किया और उन्हें आगे खेलने के लिए भेजा। समाज और रिश्तेदारों के खिलाफ जाकर हिमा ने यह मुकाम हासिल किया है। जिस पर पूरे देश को गर्व है। सोनावाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्प्रिंटर हिमा दास को उपाधीक्षक के तौर पर इसलिए नियुक्त किया गया है, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी उपलब्धियों से प्रदेश को गौरवान्वित किया है।

यह भी पढे़ृ   – सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए बनने जा रहा है कानून

हिमा को राज्य की ‘एकीकृत खेल नीति’ के तहत नियुक्त किया गया है। इस समारोह में पुलिस महानिदेशक समेत शीर्ष पुलिस अधिकारी और प्रदेश सरकार के अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर हिमा ने कहा कि वह बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनाने का सपना देखती आई है। उन्होंने कहा कि यहां लोगों को पता है। मैं कुछ अलग नहीं कहने जा रही। स्कूली दिनों से ही मैं पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी और यह मेरी मां का भी सपना था। उन्होंने आगे कहा कि वह दुर्गा पूजा के दौरान मुझे खिलौने में बंदूक दिलाती थी। मां कहती थी कि मैं असम पुलिस की सेवा करूं और अच्छी इंसान बनूं।

उन्होंने कहा कि मैं पुलिस की नौकरी के साथ खेलों में अपना कैरियर भी जारी रखुंगी क्योंकि मुझे सब कुछ खेलों की वजह से ही मिला है. मैं प्रदेश में खेल की बेहतरी के लिए काम करुंगी और असम को हरियाणा की तरह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाने की कोशिश करुंगी और असम पुलिस के लिए काम करते हुए अपना कैरियर भी जारी रखूंगी।

इस समारोह में मुख्यमंत्री ने असम पुलिस में नये भर्ती हुए 597 उप निरीक्षकों को भी नियुक्ति पत्र दिए। उन्होंने इस समारोह में नए नियुक्त उप निरीक्षकों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी। युवाओं को खेल को करियर के तौर पर अपनाने के वास्ते प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने एकीकृत खेल नीति लागू की थी।  

देश और दुनिया की तमाम ख़बरों के लिए हमारा यूट्यूब चैनल अपनी पत्रिका टीवी (APTV Bharat) सब्सक्राइब करे ।

आप हमें Twitter , Facebook , और Instagram पर भी फॉलो कर सकते है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments