होली पर बढ़ा मेड इन इंडिया का चलन, तीन साल बाद कपड़े-रंग और पिचकारी की दुकानों में जमकर उमड़ी भीड़

The trend of Made in India increased on Holi, after three years there was a huge crowd in the shops of cloth-colors and pichkari

रंगों का त्योहार होली के अवसर पर पूरे देश की तरह दिल्ली के बाजारों में होली के त्योहार को लेकर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। खास बात यह है इस बार लोग चाइनीज चीजों का बहिष्कार कर रहे हैं और मेड इन इंडिया को तवज्जों दे रहे हैं। पिछले सालों की तुलना में इस बार ज्यादातर लोग भारत में बने सामानों और प्राकृतिक शुद्ध वस्तुओं पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।  राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक और जनपथ जैसे चर्चित बाजारों में दोपहर के बाद से ही लोगों की भीड़ बढ़ती हुई देखी जा रही है। दिल्ली के प्रसिद्ध सदर बाजार में अधिकांश व्यापारी भी मेड इन इंडिया रंग, पिचकारी और गुलाल की पेशकश कर रहे हैं।

The trend of Made in India increased on Holi, after three years there was a huge crowd in the shops of cloth-colors and pichkari

नई दिल्ली, 7 मार्च। रंगों के त्योहार में हर साल की तरह इस बार भी बाजार होली के रंगों, स्प्रेयर और अन्य सजावट से भर गया है। पर इस बार इस रंग में देशभक्ति का रंग भी समाया हुआ है। इस बार आत्मनिर्भर भारत की झलक बाजारों में दिख रही है। ग्राहक इस बार होली पर खरीदारी करने के दौरान चीनी उत्पादों को खारिज कर रहे हैं और स्थानीय मेड इन इंडिया उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

देश में त्योहार कोई भी हो असल मायने में बाजारों की रौनक बताती है कि लोगों का हर्ष उल्लास और उमंग कितना सर चढ़कर बोल रहा है। प्रमुख त्योहारों में से एक रंगोत्सव होली को लेकर दिल्ली के बाजारों में लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। खानपान, कपड़े, रंग अबीर ,पिचकारी और साज सजावट की दुकानों पर लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं और जमकर खरीददारी कर रहे हैं। बीते कई सालों से दीपावली और होली जैसे प्रमुख त्योहारों पर स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी की चर्चा जोरों पर रहती है, लेकिन इस होली पर कहना होगा कि पिछले सालों की तुलना में लोगों में अधिक जागरूकता देखी जा रही है। केवल साज सजावट नहीं बल्कि अपने कपड़े पहनावे के लिए भी लोग अब स्वदेशी सूती वस्त्रों की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा खानपान रंग अबीर के प्रति भी लोग काफी सचेत है।  केमिकल रहित रंग और मिठाइयों की खरीदारी पर उनकी अधिक तत्परता देखी जा रही है। सभी धर्मों के संस्कृतियों को सजोने वाली भारतीय परंपरा पूरी दुनिया में अनोखी मानी जाती है। यहां के त्योहार को भी लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। दिल्ली के प्रमुख बाजारों में से एक चांदनी चौक और जनपथ मार्केट में आम दिनों में भी भीड़ देखी जाती है, लेकिन होली के मौके पर खासतौर पर खरीददारी के लिए इन प्रमुख मार्केट में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है।

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कहां खेलें होली

दिल्ली में ऐसी कई जगहें हैं जहां आप होली खेल सकते हैं। आप अपने आसपास के कृष्ण मंदिर में अबीर और गुलाल के साथ ही फूलों की होली खेल सकते हैं। दिल्ली के इस्कॉन मंदिर की होली बेहद प्रसिद्ध है। इसके अलावा, आप चांदनी चौक के गौरीशंकर मंदिर में होली खेल सकते हैं। यहां होली खेलने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और फूलों के साथ ही अबीर एवं गुलाल की होली खेलते हैं।

दिल्ली के आसपास होली के रंग

उत्तराखंड के हरिद्वार में होली बेहद शानदार तरीके से मनाई जाती है। यहां गंगा के किनार आप होली खेल सकते हैं और इस त्यौहार को यादगार बना सकते हैं। हरिद्वार में आपको होली में आध्यात्मिकता की झलक दिखेगी और मंदिरों में भजन-कीर्तन की धुन सुनाई देंगी। वैसे भी उत्तराखंड की होली बेहद फेमस होती है। यहां की खड़ी होली होली से कई दिन पहले शुरू हो जाती है और होली के गीतों के साथ होलियार झूमने लगते हैं।

वृंदावन, यूपी

अगर आप वृंदावन की होली देख लेंगे तो आजीवन इसे याद रखेंगे। वृज की इस होली को देखने के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं और अपने क्षणों को यादगार बनाते हैं। यह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण का बचपन बीता था। यहां आप बांके बिहारी मंदिर में होली खेल सकते हैं। वृंदावन की फूलों वाली होली देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटते हैं।  इसके लिए बांके बिहारी मंदिर के द्वार खोले जाते हैं और लोगों को भगवान कृष्ण के दर्शन का मौका दिया जाता है। पुजारी लोगों पर फूल फेंकते हैं। इस तरह लोग फूलों से होली मनाते हैं। इस दिन बांके बिहारी मंदिर में भव्य उत्सव भी होता है। लोग एक-दूसरे को जमकर गुलाल लगाते हैं। पूरा शहर आध्यात्मिकता के रंग में डूबा रहता है।

मथुरा, यूपी

मथुरा की होली विश्वप्रसिद्ध है। यहां होली की शुरुआत कई दिन पहले से हो जाती है। मथुरा जिले के बरसाना की लट्ठ मार होली बेहद मशहूर है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां टेसू के फूलों की होली खेली जाती है और चारों तरफ गुलाल और अबीर सरोबार रहता है। टेसू के फूलों से तैयार रंग को लाड़ली मंदिर में नन्दगांव के हुरियारों पर डाला जाता है। गोकुल में छड़ीमार होली होती है।

जयपुर, राजस्थान

गुलाबी शहर जयपुर की होली बेहद प्रसिद्ध है। होली में यहां का मौहाल देखने लायक होता है। दूर-र से लोग जयपुर में होली खेलने के लिए आते हैं। अगर आप मौज-मस्ती के साथ ही शाही होली देखना चाहते हैं तो जयपूर जरूर जाएं। यहां की होली और गीत-संगीत की धुन आपको आजीवन याद रहेगी।

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