Friday, April 26, 2024
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स्कूल में बच्चों के सामने आसाराम की पूजा कर रहे थे टीचर, शिक्षा विभाग ने बॉर्डर के पास कर दिया ट्रांसफर

 

गुजरात (Gujarat) में पांच शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को कथित तौर पर ‘मातृ-पितृ पूजा’ कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पांच शिक्षकों को कच्छ जिले (Kuttch District) के स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया। ये शिक्षक जहां पूजा कर रहे थे, वहां स्वयंभू संत और बलात्कार के दोषी आसाराम बापू (Asaram Bapu) की तस्वीर थी।

घटना महिसागर जिले (Mahisagar District) के लूनावाड़ा के जमापगी ना मुवाड़ा प्राथमिक विद्यालय में हुई।अधिकारियों ने कहा कि कुछ दिनों पहले छात्रों के सामने आसाराम की तस्वीर रखने वाले शिक्षकों और आसाराम की तस्वीर पर पूजा करने वाले शिक्षकों में से एक की तस्वीरें सामने आने के बाद कार्रवाई की गई है।

वहीं विभाग ने शिक्षकों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं, जिसमें चार्जशीट (Chargesheet) तैयार की जाएगी। वेलेंटाइन डे के मौके पर आयोजित मातृ-पितृ दिवस (माता-पिता दिवस) आसाराम के संप्रदाय द्वारा “पश्चिमी” वेलेंटाइन डे मनाने के बजाय बच्चों के बीच माता-पिता का सम्मान करने की बात की जाती है।

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अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों को केवल मातृ पितृ दिवस मनाने के लिए ही कहा गया था। वहां पर आसाराम या उनके संप्रदाय की पूजा करने को नहीं कहा गया था। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने गलती की होगी तो उन्हें उसकी सजा मिलेगी।

कार्रवाई का सामना करने वाले पांच शिक्षकों में जमापगी ना मुवाड़ा स्कूल के प्रदीप पटेल, मधु पागी, गीता पटेल और अंकित पंड्या और वाविया मुवाड़ा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बिपिन पटेल शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 17 फरवरी को दोषी आसाराम बापू की ‘पूजा’ आयोजित करने के लिए नैतिक व्यवहार के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।

जारी सर्कुलर में कहा गया, “17 फरवरी को मातृ-पितृ दिवस के उत्सव के अवसर पर शिक्षकों ने नैतिक पतन के कार्य में शामिल एक व्यक्ति की तस्वीर की पूजा की और उसे एक माननीय अदालत द्वारा दोषी भी ठहराया गया है। बच्चों के सामने ऐसे व्यक्ति की तस्वीर लगाना और पूजा करना एक शिक्षक को शोभा नहीं देता। इसलिए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करना आवश्यक है।”

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