कहीं लाठी बांटी जा रही है तो कहीं तलवार, हिंदू जगाने के चल रहे हैं अथक प्रयास
Somewhere sticks are being distributed and somewhere swords, tireless efforts are going on to awaken Hindus
दिल्ली में कमला नगर क्षेत्र में अखंड भारत के संकल्प के सामूहिक तलवार वितरण समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ। गीता भवन में आयोजित इस शूरवीर सदस्यता अभियान समारोह में इलाके की कई संस्थाओं के साथ साथ संघ से जुड़े लोग भी शामिल थे। क्या है यह शूरवीर सदस्या अभियान और कैसे लोग इससे जुड़े रहे है पढ़िए इस रिपोर्ट में-
नई दिल्ली, 18 मार्च। आजकल दिल्ली के मंदिरों में हर मंगलवार सामूहिक हनुमान चालीसा हो रही है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसा लग रहा है देश के सनातनी शेर जाग रहे हैं क्योंकि अखंड भारत और हिन्दू राष्ट्र के संकल्प के साथ सामूहिक शास्त्र धारण भी हो रहा है।
दिल्ली के मंदिरों में पिछले कई महीनों से हर मंगलवार हनुमान चालीसा हो रही है। हर मंगलवार को भक्त भी बड़ी तादाद में मंदिरों में पहुंच रहे है।लेकिन कमला नगर में हनुमान चालीसा के बाद एक ख़ास अभियान और चलता है। यह तसवीरें उसी अभियान की है।
कमला नगर में पिछले कई महीनों से हिन्दू राष्ट्र और अखंड भारत के संकल्प के साथ शूरवीर सदस्य्ता अभियान चल रहा है। हाथों तलवार और कंधे पर अखंड भारत का पटका थाम रहे ये लोग शूरवीर सदस्यता अभियान में शमिल हो रहे है। इनमें हर वर्ग और हर उम्र के लोग शामिल है। क्या बड़े और क्या बुजुर्ग – यहाँ तक की महिलाएं और बच्चे भी तलवार थाम कर सनातन शूरवीरों की सेना में शामिल हो रहे है। सनातन धर्म की रक्षा को लेकर लोगों में गज़ब की जागरूकता आयी है। इनका मानना है की शास्त्रों के साथ-साथ अब शास्त्र भी थामने होंगे। और कमला नगर में माँ भवानी की तलवार थाम ये उसी के लिए तैयार हो रहे है।
कमला नगर में हर मंगलवार हनुमान चालीसा के साथ साथ समय समय पर यह शूरवीर सदस्यता अभियान भी चलता है। कमला नगर के गीता भवन में यह 39 वां हनुमान चालीसा का आयोजन था। इस आयोजन में क्षेत्र के लोग कितनी बड़ी संख्या में शामिल होते है यह तस्वीरें उसी को बयान कर रही है। इस शूरवीर सदस्यता अभियान में क्षेत्र के गणमान्य लोग खुद अपने हाथों से तलवार भेंट भेंट कर उसके गले में अखंड भारत का पटका पहनकर शूरवीर सदस्य बनाते है।
इसमें क्षेत्र की धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के परिनिधियों के साथ संघ से जुड़े लोग भी शामिल होते है। इनका मानना है की शास्त्र एक शक्ति का प्रतीक है, शास्त्रों में शस्त्र पूजा का महत्त्व है ,लेकिन यह तभी हो सकता है जब घर में शास्त्र भी हो।
दिल्ली का कमला नगर क्षेत्र ही ऐसा पहला इलाका नहीं है जहाँ सनातन धर्म की रक्षा के लिए लोग लामबंद हो रहे है। अशोक विहार के सबसे बड़े मंदिरों में शुमार श्रीराम मंदिर यहाँ भी पिछले कई महीनों से हर मंगवार हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से हो रहा है। इस मंदिर में भी धर्म और खुद की रक्षा के लिए लाठियों का वितरण किया जाता रहा है। यहाँ के लोग अपने क्षेत्र अशोक विहार को धर्म नगरी कहतें है। ये भी मानते है अपनी रक्षा के साथ अपनी संस्कृति से जुड़ना और लोगों को जोड़ना इस अभियान का मकसद है।
अब सवाल है की यह सब क्यों हो रहा है ? क्या कोई डर है या फिर सनातन धर्म को लेकर कोई जन जागरण अभियान। तो जनाब इन्हे न कोई डर है और ना कोई शंका। इनका कहना है कि हमारे शास्त्रों में शस्त्र पूजा का बड़ा महत्त्व है ,लेकिन यदि घर में शस्त्र ही नहीं होंगे तो कैसे पूजा होगी। हमारे सभी देवी-देवताओं के हाथों में शस्त्र है लेकिन चलते तभी है जब जरूरत होती है। कानूनी रूप से इन्हे हथियार नहीं कह सकतें लेकिन ये सांकेतिक शस्त्र अवश्य है। और इसी सांकेतिक शस्त्र को धारण करने वाले इन शूरवीरों का एक सपना है अखंड भारत और यह सपना कब और कौन से पीढ़ी पूरा होते हुए देखेगी यह अलग मंथन और विचार का विषय है।
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