नई दिल्ली। इन दिनों देश के कई हिस्से बारिश के चपेट में है। देश की राजधानी में आज लगातार तीसरे दिन भारी बारिश हुई जिससे कई इलाकों में जलजमाव हो गया और कई जगहों पर लोगों को यातायात संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस मौसम में अब तक बारिश का यह उच्चतम स्तर रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहने का पूर्वानुमान किया है। हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक आंधी के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान किया गया है। खराब मौसम के कारण दक्षिण कश्मीर में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों को आज दोनों ही मार्गों पर रोक दिया गया और इसके कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बंद करना पड़ा।
दिल्ली में भारी बारिश, कई इलाकों में जलजमाव:- दिल्ली में कल सुबह से 147.8 मिमी बारिश हुई है और लगातार फुहारें पड़ती रही हैं जिससे तापमान में काफी गिरावट आई है। आज अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के औसत तापमान से नौ डिग्री कम है। पिछले चार दशकों में जुलाई महीने का यह सबसे कम तापमान है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक बी पी यादव ने कहा, दिल्ली में 147.8 मिमी बारिश हुई है जो इस मौसम में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश है। बहरहाल, कोई रिकॉर्ड नहीं टूटा है। आज का न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम यानी 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
अगले दो दिनों के पूर्वानुमान के मुताबिक, आसमान में बादल छाए रहेंगे। कई इलाकों में थम-थमकर बारिश होती रहेगी और गरज के साथ छींटे भी पड़ते रहेंगे। अगले 48 घंटों के दौरान कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, कल अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 26 डिग्री सेल्सियस और 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
सफदरजंग वेधशाला के मुताबिक दिल्ली में शाम 5ः30 बजे तक 147.8 मिमी बारिश हुई जबकि इसी अवधि में पालम, रिज, आयानगर और लोधी रोड इलाके में क्रमशः 162.4 मिमी, 120.8 मिमी, 118.5 मिमी और 155.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। कई इलाकों से जलजमाव की खबरें आईं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जलजमाव की ज्यादा घटनाएं दक्षिण दिल्ली के नजफगढ़, श्याम विहार, पालम एक्सटेंशन, ककरोला, लाजपत नगर, सी आर पार्क, कालकाजी में हुईं।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मुताबिक उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में 40 से ज्यादा जगहों पर जलजमाव हुआ। उत्तर दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में 20 से ज्यादा जगहों पर जलजमाव हुआ जिसमें राणा प्रताप बाग, पहाड़गंज, रोहिणी और पीतमपुरा शामिल हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने भी मयूर विहार फेज-तीन और गीता कॉलोनी में जलजमाव के बारे में बताया।
धौलाकुआं, आश्रम, नेहरू प्लेस, पंचशील, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास महिपालपुर और आईटीओ सहित कई इलाकों में यातायात जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा। यह जानकारी दिल्ली यातायात पुलिस ने दी। अमर कॉलोनी, ओखला, वजीराबाद इलाकों में भी यातायात जाम की समस्या सामने आई। इस बीच, कांग्रेस ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और भाजपा शासित नगर निगमों पर शहर में गाद निकालने के काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी की वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या हुई।
बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा बाधित:- खराब मौसम के कारण दक्षिण कश्मीर में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों को आज दोनों ही मार्गों पर रोक दिया गया और इसके कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बंद करना पड़ा।
पुलिस ने बताया, बारिश के चलते रास्ते में फिसलन हो जाने के कारण यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर रोक दी गई है। मौसम में सुधार होने तक तीर्थयात्रियों को किसी भी आधार शिविर से पवित्र गुफा की ओर जाने की इजाजत नहीं होगी। सुबह से ही भारी बारिश हो रही है जिसके कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। यही वजह है कि 300 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बंद करना पड़ा है।
पुलिस ने बताया कि राजमार्ग बंद होने के कारण यात्रा वाहनों सहित किसी भी वाहन को घाटी की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यात्रा के लिए अनुकूल हालात होने के बाद ही राजमार्ग से यातायात की मंजूरी दी जाएगी। कुल 3,880 मीटर की उंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में अब तक 147,441 तीर्थयात्री हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
जम्मू में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, रातभर हुई बारिश के कारण कई जगहों पर जबर्दस्त भूस्खलन होने से राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जम्मू में भगवती नगर आधार शिविर से किसी भी वाहन को आगे जाने की इजाजत नहीं होगी। अधिकारी ने बताया कि राज्य के दोनों हिस्सों के बीच सड़क संपर्क बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मी मशीनों की मदद से कार्य में जुटे हैं। उन्होंने बताया, हम सड़क संपर्क बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। राजमार्ग पर कुछ यात्री वाहन भी फंसे हैं लेकिन इनमें से किसी में तीर्थयात्री नहीं हैं।