राहुल पर फिर फिट हुआ बना बनाया नैरेटिव, भारत जोड़ो यात्रा का भी नहीं मिला बड़ा फायदा
Narrative made fit again on Rahul, Bharat Jodo Yatra also did not get big benefit
राहुल गांधी की लंदन यात्रा के हर कार्यक्रम को भाजपा ने किसी न किसी बात के हवाले से विवादास्पद बना दिया है। राहुल के कहने का चाहे जो मतलब रहा हो लेकिन भाजपा ने उसे विवादित बना दिया। इसका नतीजा यह हुआ है कि वे जो भी नैरेटिव बनाना चाह रहे थे उसका उलटा नैरेटिव बना। इससे बेहतर होता कि वे भारत में ही रह कर राजनीति करते, राज्यों का दौरा करते, लोगों से मिलते, पार्टी संगठन को बेहतर बनाने के लिए कुछ काम करते। लेकिन वे एक हफ्ते के लिए लंदन गए और उसका कुल जमा हासिल कुछ नहीं है।
राहुल ने लंदन में पहले कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उसके बाद वे इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पत्रकारों से मिले, फिर प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया और अंत में ब्रिटेन की संसद में लेबर पार्टी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण दिया। हैरानी की बात है कि कहीं भी भाषण में उन्होंने कोई नई बात नहीं कही। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वे जो कुछ कहते रहे थे उसी को उन्होंने दोहराया और उसी में कांग्रेस को आधिकारिक रूप से दो बार खंडन या सफाई जारी करने की जरूरत पड़ी।
राहुल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और मीडिया व दूसरी लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में हैं। इस पर भाजपा ने कहा कि राहुल विदेश जाकर भारत को बदनाम कर रहे हैं। राहुल ने चीन को शांतिप्रिय देश बताया तो भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले चंदे की याद दिला कर कहा कि कांग्रेस और चीन की नजदीकी है। बाद में राहुल ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की गतिविधियों की तुलना यूक्रेन पर रूस के हमले से कर दी। इसके बाद उन्होंने अमेरिका और यूरोप को बताया कि भारत का लोकतंत्र उनके लिए भी जरूरी है। इसे लेकर भाजपा ने कहा कि राहुल ने अमेरिका और यूरोप को भारत की आंतरिक गतिविधियों में दखल देने के लिए आमंत्रित किया।
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