Sunday, May 5, 2024
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Karnataka Assembly Elections : बीजेपी को भारी पड़ेगा येदियुरप्पा को दरकिनार करना!

Charan Singh

कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को दरकिनार करना भाजपा के लिए भारी पड़ रहा है।  वह येदियुरप्पा ही थे जिन्होंने दक्षिण भारत में भाजपा को जीत का स्वाद चखाया था। भले ही कर्नाटक में बी.एस. येदियुरप्पा को हटाकर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाना भाजपा का एक बड़ा प्रयोग माना जा रहा हो भले ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा हो पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा येदियुरप्पा ही रहे हैं। भाजपा के लिए यह भी समझने का विषय है कि एक समय था कि येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के अकेले विधायक होते थे। येदियुरप्पा ने ही कर्नाटक में सरकार बनाकर दिखाई थी। येदियुरप्पा 2007 से लेकर 2021 के बीच चार-बार मुख्यमंत्री बने। मतलब कर्नाटक में येदियुरप्पा बीजेपी का बड़ा चेहरा था। बीजेपी ने 2021 जुलाई में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद हटा दिया था। हालांकि येदियुरप्पा ने अपने विश्वसनीय नेता बसवराज बोम्मई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में मुख्यमंत्री बनवाया था। फिर भी येदियुरप्पा का कद और चेहरा बोम्मई से बहुत बड़ा है। इस बात का एहसास खुद बीजेपी को भी है। येदियुरप्पा इस बार चुनाव न लड़ना भी बीजेपी की कमजोरी बताया जा रहा है।


हालांकि येदियुरप्पा को  खुश करने के लिए बीजेपी की ओर से पूरे प्रयास हुए हैं। गत दिनों जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के दौरे पर गये तो उन्होंने न केवल येदियुरप्पा को अपने साथ रखा बल्कि उनकी सार्वजनिक रूप से तारीफ भी की।  देखने की बात यह है कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाता रहा है। यदि बीजेपी चुनाव हारती है तो गुजरात मॉडल की भी हवा निकलेगी। वह येदियुरप्पा ही थे जिन्होंने दक्षिण भारत में बीजेपी की पहचान बनाई थी। उनके मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद बीजेपी लगातार कमजोर हुई है। बीजेपी के लिए देखने की बात यह भी है कि कर्नाटक चुनाव का परिणाम जहां बिहार और झारखंड में भी भाजपा की स्थिति प्रभावित करेंगे वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के साथ ही 2024 ह येदियुरप्पा का विधानसभा चुनाव में न होना ही है कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ गये हैं। कर्नाटक में चुनावी समीकरण बीजेपी के पक्ष में बताये जा रहे हैं। जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी दोनों मिलकर लिंगायत वोटबैंक में बड़ी सेंध लगाएंगे। यदि कर्नाटक चुनाव कांग्रेस फतह कर ले गई तो २०२४ के आम चुनाव के लिए राहुल गांधी के संघर्ष में कर्नाटक की जीत बड़ा माध्यम बन जाएगा।

कर्नाटक के चुनाव के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा विधानसभा भी अहम माने जा रहे हैं। भले ही बीजेपी ने मीडिया के माध्यम से हिन्दू-मुस्लिम का माहौल बनाकर हिन्दू वर्ग का बड़ा वोटबैंक अपने पक्ष में एकजुट कर रखा हो पर जिस तरह से महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही अडानी और पुलवामा हमले में केंद्र सरकार की खामियों को लेकर राहुल गांधी मुखर हो रहे हैं। उससे विपक्ष में कांग्रेस बहुत मजबूती से उभर रही है। यही वजह है कि गत दिनों जब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता गई तो पूरा विपक्ष उनके पक्ष में खड़ा हो गया था। भारतीय राजनीति में यह माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव का माहौल बनाने में भी कारगर साबित होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे जगदीश शेट्टार के कांग्रेस में जाने से जहां कांग्रेस को मजबूती मिली है वहीं बीजेपी कमजोर हुई है। यही वजह रही कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद जगदीश शेट्टार का कांग्रेस में स्वागत किया है। दरअसल कर्नाटक के दोनों लिंगायत नेता मुख्यमंत्री शेट्टार और पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने कांग्रेस को बहुत मजबूती दी है। इसी खुशी में मल्लिकार्जुन खड़गे और वेणुगोपाल के साथ ही कर्नाटक के कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार ने उनके बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने पर उनकी तारीफ की।  अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा येदियुरप्पा के चेहरे पर भारी पड़ता है या फिर गुजरात मॉडल फेल होता है ?

दरअसल कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं। यहां 5.21 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.59 महिला मतदाता हैं। वहीं 16, 976  वोटर्स ऐसे हैं जो 100 साल से ऊपर हैं। 4,6 99   तीसरे लिंग और 9.17 लाख पहली बार मतदाता भी शामिल हैं।  उधर 5.55  लाख विकलांग मतदाता हैं।  कर्नाटक चुनाव में 9.17 लाख वोटर्स ऐसे हैं जो पहली बार वोट डालेंगे।

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