Tuesday, May 21, 2024
HomeराजनीतिIndian Politics : राहुल गांधी हैं कि सुधरते ही नहीं!

Indian Politics : राहुल गांधी हैं कि सुधरते ही नहीं!

सी.एस. राजपूत  
अपनी भारत यात्रा के बाद जिस तरह से राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडानी से रिश्ते को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरा था उससे उनका कद काफी बढ़ गया था। राहुल गांधी ने पहले 52 साल की उम्र में भी उनका कोई घर न होने की बात कर जहां लोगों को बोलने का मौका दे दिया वहीं लंदन कै्ब्रिरज यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में अखंडता तथा पेगासस का मामला उठाकर साबित कर दिया कि वह सुधरने वाले नहीं हैं। पप्पू ही बने रहंेगे। बीजेपी को मजबूत होने में उसकी मदद करते रहेंगे। इतना ही नहीं अब उन्होंने कै्ब्रिरज यूनिवर्सिटी में ही चीन को शांति का पक्षकार बताने गुड़ गोबर कर दिया। भाजपा समर्थक ऐसे ही नहीं कहते हैं कि जब तक राहुल गांधी हैं तब तक कांग्रेस को कमजोर होने तथा बीजेपी को मजबूत होने से कोई नहीं रोक सकता है। यह बात राहुल गांधी फिर से चरितार्थ करते प्रतीत हो रहे हैं।
राहुल गांधी के उनके पास पास उनका घर न होने की बात बात ने उन्हें हास्य का पात्र बना दिया है। जगजाहिर है उनकी मां सोनिया गांधी यूपीए सरकार में सबसे पॉवरफुुल नेता रही हैं। उनकी संपत्ति इटली में भी बताई जाती है। उनके पिता राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उनकी दादी भी लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनकी दादी के पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू न केवल लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे बल्कि अंग्रेजी हुकूमत में बैरिस्टर रहे मोती लाल नेहरू के पुत्र थे। इलाहाबाद में उनका आनंद भवन देश और दुनिया में प्रसिद्ध था। देश और विदेश में गांधी परिवार की अरबों-खरबों की संपत्ति तो होगी वह सब कुछ राहुल गांधी की ही तो है। वैस भी राहुल गांधी के अपने वेतन को गरीबों को दान करने की बात मार्केट में नहीं आई है। वह लंबे समय से सांसद हैं। तो क्या वह अपना घर न होने की बात कर अपने को गरीब दिखा रहे हैं ?


जहां कै्ब्रिरज यूनिवर्सिटी में मोबाइल के पेगासस मामला के साथ ही और देश को बांटने वाले मामले की बात है तो ये सब बातें देश में भी बोली जा सकती थी। वैसे भी यूनिवर्सिटी के बच्चों को इन सब बातों से क्या लेना देना ? वैसे भी राहुल गांधी ने उस धरती पर जाकर देश की खामियां गिनाई हैं जिस देश ने भारत को 200 साल तक गुलाम बनाकर रखा। अब भारत का जानी दुश्मन चीन को शांति का पक्षकार बताकर हद ही कर दी। जगजाहिर है कि 1962 के चीन और भारत युद्ध को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को घेरा जाता रहा है। उस समय भारत की कुछ जमीन चीन के हथियाने का मामला उठा था कि जिस पर राहुल गांधी ने उस जमीन को बंजर जमीन होने की बात कर मामले को गरमा दिया था। तब बिजनौर से महावीर त्यागी जो देहरादून से सांसद थे भरी संसद में कहा था कि उनके सिर पर भी बाल नहीं हैं। मतलब उनका कहना था कि उनकी सिर पर बाल नहीं हैं तो क्या इसके किसी को दे दूं।
वैसे भी कोरोना महामारी की देन दुनिया चीन को ही मानती है। देश के बड़े नेता चीन को भारत के लिए पाकिस्तान से ज्यादा घातक मानते रहे है। खुद समाजवाद के प्रणेता डॉ. लोहिया चीन को पाकिस्तान से ज्यादा नुकसान देने वाला देश बताते थे। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी पाकिस्तान से ज्यादा चीन से सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया था। वैसे भी चीन लगातार सीमा पर भारत को नुकसान पहुंचा रहा है। चीन की ही करामात रही है कि आज न केवल श्रीलंका बल्कि पाकिस्तान भी दिवालिया होने की कगार पर है। भारत को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहता है। जिस चीन ने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा ैह। जो चीन आतंकवादी हाफिज सईद की पैरवी करता था उस चीन को राहुल गांधी ने शांति का पक्षकार बता दिया है। दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर, कपिल सिब्बल क्या कम थे कि राहुल गांधी भी अनाप-शनाप बोलने लगे हैं। यही सब वजह है कि उस पूर्वोत्तर में भी कांग्रेस हार गई है जिसमें राहुल गांधी की भारत यात्रा सा सबसे ज्यादा असर होने की बात कही जा रही थी।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments