Thursday, May 16, 2024
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Delhi MCD : सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप बिना नहीं होगा स्टैंडिंग कमेटी का गठन भी !

स्टैडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट के रद्द करने पर अब सुप्रीम कोर्ट जा सकती है आप, चुनाव में मारपीट और हाथापाई के साथ ही मेयर पर हमला बड़ा आधार है आप के पास 

 

सी.एस. राजपूत  

भले ही 27 तारीख को फिर से एमसीडी का सदन चले, भले ही आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों पार्टियों के पार्षद सदन में पहुंचे, भले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मेयर शैली ओबेरॉय के स्टैडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने पर रोक लगा दी हो, भले ही हाई कोर्ट में अभी सुनवाई चले पर बिना सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के स्टैडिंग कमेटी गठन होना भी  मुश्किल लग रहा है। वैसे भी बीजेपी के हाई कोर्ट जाने के बाद आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाए बिना नहीं मानेगी। क्योंकि चुनाव अमान्य घोषित करने के मेयर पर हमले के साथ ही पार्षदों में हाथापाई होने का आप के पास बड़ा आधार है। भले चुनाव अमान्य घोषित करने का अधिकार मेयर के पास न हो पर सुप्रीम कोर्ट के पास तो है और आप इसी का फायदा उठाना चाहेगी। मतलब छह सदस्यों के चुनाव के बिना स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सकता है और छह सदस्यों का चुनाव होना अभी मुश्किल ही लग रहा है। स्टैडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव इसलिए भी मुश्किल लग रहा है क्योंकि जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने एक वोट को अवैध बता दिया और बीजेपी ने उसको लेकर इतना बड़ा हंगामा कर दिया कि सदन जमकर जूतमपैजार हुआ। एक पार्षद बेहोश हो गया तो मेयर शैली ओबेरॉय पर भी हमला होने का आरोप आम आदमी पार्टी ने लगाया है। ऐसे में मेयर का चुनाव अमान्य घोषित करने का आधार मजबूत माना जा रहा है।

दरअसल जो रवैया आम आदमी पार्टी का मेयर चुनाव को लेकर था वही रवैया अब बीजेपी का स्टैडिंग कमेटी को लेकर है। मतलब साफ है जैसे आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाये बिना मेयर चुनाव नहीं होने दिया था ऐसे ही बीजेपी भी मेयर के दोबारा चुनाव कराने के निर्णय के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट गई है। अब देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला मानती है या फिर सुप्रीम कोर्ट जाती है। दरअसल एमसीडी सदन में अब स्टैंडिंग कमेटी चुनाव कराने का मामला ही नहीं है बल्कि पार्षदों को गुंडागर्दी का भी है जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त हो सकता है। इसकी वजह भी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एलजी के 14 मनोनीत एल्डर सदस्यों को मेयर चुनाव में वोट डालने से रोक दिया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने यह मैसेज जा सकता है कि बीजेपी ने उसके फैसले से नाराज होकर खुंदस में कहीं हंगामा न किया  हो।

दरअसल दो दिन के हंगामे और सस्पेंस के बीच दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव भी हुआ और मतगणना भी हो गयी है लेकिन महज एक वोट ने सदन को गुंडागर्दी का अखाड़ा बना दिया। दोनों पक्षों की और से मारपीट भी  ऐसी हुई जैसे कि  गली मोहल्ले के गुंडे आपस लड़ते हैं।  क्या पुरुष पार्षद और क्या महिला पार्षद और दोनों पार्टियों के पार्षद  मारपीट और धक्का मुक्की करते हुए दिखाई दिए। आखिरकार सदन को फिर दो दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। इस बीच बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई है।ऐसे में प्रश्न उठता है कि इस मामले में पुलिस क्या करवाई कर सकती है ? आखिरकार इस समस्या का समाधान क्या है ? स्थाई समिति के चुनाव को लेकर जिस तरह की तस्वीरें और वीडियो दिखाई दिए हैं। वे बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के लिए ही शर्मनाक है। इस जूतमपैजार में एक पार्षद सदन में ही बेहोश हो गया था। दरअसल शुक्रवार सुबह 11 बजे स्थाई समिति के 6 सदस्यों के लिए चुनाव हुआ। शुरुआत हंगामे के बाद दोनों दलों ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया लेकिन चुनाव के बाद जब बारी मतगणना की आई तो हंगामा हो गया। मतगणना से पहले ही आप नेता सौरभ भारद्वाज ने यह कहकर सनसनी पैदा कर दी थी कि बीजेपी के 5  पार्षदों ने आप के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है।

इस वाद-विवाद के बीच जब बारी मतगणना की आयी तो मेयर शैली ओबेरॉय ने एक वोट इनवैलिड बता दिया था। फिर क्या था कि बीजेपी ने इस पर हंगामा शुरू कर दिया। सदन कुछ देर के लिए स्थगित भी हुआ। शैली ओबेरॉय ने दोबारा काउंटिंग करने का प्रस्ताव रखा लेकिन बीजेपी ने उसे ठुकरा दिया। उसके बाद फिर क्या था कि एमसीडी में जो कुछ हुआ वह पूरे देश ने देखा कि किस तरह से उनके चुने हुए नेता गली-मोहल्ले के गुंडों की तरह लड़ रहे थे। पूरे देश ने भी उसे बेहद शर्मनाक बताया है। यह भी अपनेआप में दिलचस्प है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी इस हंगामे के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। दोनों की तरफ से पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज़ कराई गई है। यही वजह है कि चुनाव से ज्यादा अब यह मामला गुंडागर्दी का ज्यादा हो गया है। आम आदमी पार्टी एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भी बीजेपी पर आरोप लगाया है कि बीजेपी के गुंडों ने मेयर शैली ओबेरॉय पर जानलेवा हमला किया है। बाकायदा आम आदमी पार्टी ने कमला मार्केट थाने में बीजेपी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराई है। आप पार्षदों के साथ आप नेता दुर्गेश पाठक भी थाने पहुंचे।

अब आगे क्या होगा ?

पुलिस में दोनों पक्षों की ओर से शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। दोनों ही तरफ से जो आरोप लगे हैं वे भी कम शर्मनाक नहीं है। अब ज़रा मारपीट के अलावा जो आरोप लगे हैं वे भी देख लीजिये।
दरअसल दोनों पक्षों की और से महिला पार्षदों ने आरोप लगाया है कि पुरुष पार्षदों ने उनके साथ बदतमीजी की है। दोनों पक्षों की ओर से जान से मारने की कोशिश के आरोप भी लगे हैं। मामले में कपड़े फाड़ने के आरोप भी लगे हैं।

अब पुलिस के सामने इन आरोपों की  जांच करने की चुनौती है। मामला इतना बड़ा और गंभीर  है कि पुलिस को इस पर कार्रवाई करनी ही होगी। ऐसे में सवाल है की पुलिस इस जांच को कैसे आगे बढ़ाएगी ? पुलिस दोनों पक्षों की शिकायत और आरोपों पर बयान लेगी लेकिन इससे पहले वह सीसीटीवी फुटेज जमा कर रही है और इसके साथ ही मीडिया और सोशल मीडिया के साथ मोबाइल से बनाई हुयी वीडियो भी लेगी और उसके आधार पर जांच करेगी। अब चूँकि आरोप दोनों तरफ है तो दो -दो शिकायतें हैं। ऐसे में संभव है कि पुलिस एक ही मामला दर्ज़ कर मामले की जांच को आगे बढ़ाये।

बहरहाल मामला कोर्ट और पुलिस थाने तक पहुंच चुका है। इस बीच मेयर की 27 फरवरी को  स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव की तारीख का अब दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद कोई औचित्य नहीं है क्योंकि सुनवाई अभी और होनी है।  इसके अलावा बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों सड़क और मीडिया में भी एक दूसरे पर हमला करती नजर आ रही हैं। ऐसे में देखना यह है कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कैसे होता है ?

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