नेहा राठौर
एक तरफ देश में लोग कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित होते दिख रहे हैं, वहीं तीसरी लहर की आड़ में धीरे-धीरे डेल्टा प्लस वेरिएंट अपने पैर पसारता जा रहा है। लोगों में डर है कि कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट ही देश में तीसरी लहर को लेकर ना आ जाए। लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों के इस डर को गलत ठहराया है। भारत के टॉप डॉक्टरों में से एक जीनोम सीक्वेंसर ने लोगों की इन चिंताओं को दूर कर दिया है कि तीसरी लहर आने का कारण डेल्टा वेरिएंट बनेगा।
इस पर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल डेल्टा प्लस वेरिएंट से तीसरी लहर आने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डेल्टा प्लस का संभावित कोरोना की तीसरी लहर से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर पर ही काबू करने की सलाह दी है। डॉक्टर ने कहा कि हमें इस बात की चिंता होनी चाहिए कि दूसरी लहर अभी तक खत्म नहीं हुई है। हमें दूसरी लहर को कम होता देख सतर्कता को कम नहीं होने देना है।
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इस महीने डॉक्टर अग्रवाल के संस्थान ने महाराष्ट्र में 3500 से ज्यादा सैंपल लिए हैं। इनसे पता चला कि डेल्टा प्लस वेरिएंट बहुत ज्यादा है, लेकिन अभी भी यह एक फीसदी से कम है।
बता दें कि भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के करीब 40 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस स्ट्रेन ने सबकी चिंता को बढ़ा दिया है। इस स्ट्रेन के महाराष्ट्र में 21, मध्य प्रदेश में 6, केरल और तमिलनाडु में 3-3, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में 1-1 मामले सामने आए हैं।
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