Friday, May 3, 2024
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दिल्ली में चीनी मांझा क्यों है बैन?, बैन बैन के बाद भी कैसे बिक रहा है खुले आम

चीनी मांझा पर दिल्ली हाई कोर्ट सख्त है और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट  के न्यायाधीश ने चीनी मांझा पर लगे बैन का सही तरीके से पाल न हो पाने के चलते पुलिस, डीएम, एसडीएम, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों फिर से सतर्क करने का निर्देश दिया। चीनी मांझा को लेकर क्यों है दिल्ली हाई कोर्ट सख्त और बैन के बाद भी कैसे खुले आम बिक रहा है चीनी मांझा?

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को न्यायाधीश ने चीनी मांझा पर बैन के बारे में पुलिस, डीएम, एसडीएम, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों को फिर से सतर्क करने का निर्देश दिया। यह निर्धारित करने के लिए कि क्या दुकान मालिकों को प्रतिबंध के बारे में नियमित रूप से सूचित किया जाता है, अदालत ने अधिकारियों को उचित बाजार निरीक्षण करने और व्यापारियों को सख्त चेतावनी जारी करने का आदेश दिया कि अगर उनके प्रतिष्ठानों में प्रतिबंधित सामग्री का विक्रय पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अक्सर लोगों का मानना होता है कि चाइनीज मांझा चीन से आता है, इसलिए इसे बैन कर दिया जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। चाइनीज मांझे को बैन कारण कुछ और है। बता दें कि ऐसा नहीं है कि चाइनीज मांझा सिर्फ चीन में ही बनता है। ये मांझा भारत में बनता है और कई बार सरकार की ओर से इन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए इसके नाम का कनेक्शन इसे चीन में बनने से नहीं है।

चाइनीज मांझे को प्लास्टिक मांझा भी कहा जाता है। यह प्लास्टिक का मांझा या चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता है। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है। नायलॉन के तार में कांच आदि लगातार इसे और भी ज्यादा धारदार बनाया जाता है। यह स्ट्रेचेबल भी होता है, इस वजह से कटता भी नहीं हैं। वहीं, जब इसे उड़ाते हैं तो इसमें हल्का से कंपन होता है।

यह चाइनीज मांझा सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है। धारदार होने के साथ ही यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिस वजह से इसे और भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। दरअसल, इलेक्ट्रिक कंडक्टर होने की वजह से चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है। इसके अलावा ये मांझा आसानी से नहीं टूटता है और कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें देखा गया है कि टू-व्हीलर चालकों के गले में यह फंस जाने से कई बार चालक की मौत भी हो जाती है। कई पक्षी भी इससे कट जाते हैं। सिपंल मांझा धागे से बनता है और उसपर कांच की लेयर चढ़ाई जाती है। साधारण मांझे की धार भी तेज होती है, लेकिन यह कम खतरनाक होता है। लेकिन, लोग अपनी पतंग ना कटवाने की वजह से चाइनीज मांझा इस्तेमाल में लेते हैं, मगर काफी काफी खतरनाक है।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दिल्ली पुलिस अधिनियम, 1978 की धारा 94 के तहत पतंग आदि उड़ाने पर प्रतिबंध है। कोई भी व्यक्ति पतंग या कोई अन्य वस्तु नहीं उड़ाएगा, जिससे व्यक्तियों, पशुओं या संपत्ति को खतरा हो। 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने नायलॉन या किसी भी सिंथेटिक मांझा या धागे के निर्माण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया, जो प्रकृति में घातक और गैर-बायोडिग्रेडेबल के समान है।

इसीलिए दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस को यह निर्धारित करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देने के बारे में एक और हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले को 12 अप्रैल को जारी रखने के लिए सूचीबद्ध किया।

 

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