तो क्या आरएलडी एनडीए में शामिल होने जा रहा है ? आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने जिस तरह से 12 लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोका है उससे तो यही लग रहा है। क्या आरएलडी समाजवादी पार्टी को गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर देना चाहती है ?
दरअसल जयंत चौधरी की एक केंद्रीय मंत्री के साथ मीटिंग होने के बाद आरएलडी के एनडीए में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे भी गत 23 जून पटना में जब विपक्ष की लामबंदी को लेकर मीटिंग हुई तो जयंत चौधरी मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर निजी कार्यक्रम की वजह से मीटिंग जाने में अनभिज्ञता जाहिर कर दी थी। यही वजह रही कि मीटिंग के तुरंत बाद केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लखनऊ में कहा कि जयंत चौधरी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि जयंत चौधरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की मीटिंग में जाने का दावा कर रहे हैं। वह विपक्ष में ही रहने की बात कर रहे हैं।
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी 3 सीटों पर लड़ी थी पर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर लड़ी थी और 5 सीटें जीती थी। बसपा को 10 सीटें मिली थी। बीजेपी 63 सीटें जीती थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी 33 सीटों पर लड़ी और 8 सीटें जीती। खतौली उप चुनाव में आरएलडी नेता मदन भैया जीत गए। ऐसे में आरएलडी की 9 सीटें हो गई हैं। आरएलडी से प्रदेश स्तर की पार्टी का स्टेटस भी छिन चुका है। ऐसे में 12 सीटों का दावा ठोकना कहीं से नहीं बनता है।
दरअसल जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह भी अधिकतर सत्ता के साथ रहे हैं। जयंत चौधरी के दादा उत्तर भारत के बड़े नेता थे। चरण सिंह देश के सबसे बड़े किसान नेता हुए हैं। वह किसानों के प्रति बहुत चिंतित रहते थे।