अपनी पत्रिका ब्यूरो
नोएडा । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 20 फरवरी से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान तीन मार्च तक चलेगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शिरीष जैन ने दी। उन्होंने बताया- अभियान के लिए महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उ.प्र.) की ओर से दिशा निर्देश जारी कर किये गये हैं।
डॉ. जैन ने बताया- प्राप्त दिशा निर्देश के अनुसार अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर टीबी के साथ शुगर, एचआईवी के मरीजों की भी तलाश करेंगे। इसके लिए विभाग ने माइक्रो प्लान तैयार कर लिया है। एसीएफ अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या- (शहरी व ग्रामीण बस्ती तथा उच्च जोखिम क्षेत्र) में घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके अलावा अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्य़ालय, कारागार, चिन्हित समूह-स्थल सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठों, स्टोन क्रेशर, खदान, साप्ताहिक बाजार आदि में भी अभियान चलाया जाएगा। एसीएफ अभियान के अंतर्गत खोजे गये संभावित क्षय रोगियों का जिला क्षय रोग अधिकारी पर्यवेक्षण- समीक्षा एवं मूल्यांकन करेंगे।
उन्होंने बताया-एसीएफ में मिलने वाले मरीजों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। टीबी मरीजों की जल्दी पहचान होने से जल्दी उपचार शुरू हो जाता है। इससे रोगी की रिकवरी जल्दी हो जाती है, साथ ही उसके संपर्क में आने वाले लोग संक्रमण से बच जाते हैं। मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी फैलती है। उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका काफी कम हो जाती है। आमतौर पर एक टीबी मरीज उपचार न होने की स्थिति में साल भर में 10-15 लोगों को संक्रमित कर देता है। इस लिए बहुत जरूरी है कि टीबी के साधारण लक्षण नजर आते ही तुरंत जांच करायी जाए। टीबी के संभावित मरीजों को मास्क जरूर लगाना चाहिए, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
डा. जैन ने बताया- क्षय रोगी कई बार बीच में ही दवा खाना छोड़ देते हैं, यह बहुत खतरनाक है। बीच में दवा छोड़ने से दवा असर करना बंद कर देती है। चिकित्सक की सलाह से नियमित और पूरा उपचार करना चाहिए। उन्होंने कहा-15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच जरूर कराएं। इसके अलावा भूख न लगना, वजन कम होना, थकान रहना, बलगम के साथ खून आना, सीने में दर्द और रात में सोते समय पसीना आना भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।