Sunday, May 5, 2024
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Noida News : तीन माह के एकीकृत निक्षय दिवसों पर खोजे गये 39 नये टीबी मरीज

अपनी पत्रिका ब्यूरो 

नोएडा । जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जागरूकता फ़ैलाने और टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रमों के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में जनपद में हर महीन की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस विशेष दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में आने वाले 10 प्रतिशत उन मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है, जिनमें प्रथमदृष्टया लक्षण नजर आते हैं। जनपद में अब तक मनाये गये तीन निक्षय दिवसों पर टीबी के 39 नये रोगी मिले हैं। इन सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में जनपद में 6201 मरीज उपचाराधीन हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ शिरीष जैन ने बताया- क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द जनपद को टीबी मुक्त बनाया जाए। वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का प्रधानमंत्री का संकल्प है। उन्होंने बताया- शासन के निर्देश पर हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर विशेष तौर पर टीबी रोगियों को खोजने पर फोकस किया जाता है। जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की लक्षणों के आधार पर टीबी की स्क्रीनिंग की जाती है। जनपद में अब तक तीन एकीकृत निक्षय दिवसों का आयोजन किया जा चुका है। इसमें अब तक 583 संभावित मरीज मिले, जिनमें टीबी जैसे लक्षण थे। प्रारंभिक जांच के बाद इनमें से 543 मरीजों की जांच की गयी, जिसमें 39 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। इन सभी का तत्काल उपचार शुरू कर दिया गया है।

पीपीएम कोऑर्डिनेटर पवन कुमार भाटी ने बताया- जनपद में पहला निक्षय दिवस 15 दिसम्बर को मनाया गया था, जिसमें मिले 202 संभावित मरीजों में से 191 के बलगम की जांच करायी गयी। जांच में 18 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। दूसरा एकीकृत निक्षय दिवस 16 जनवरी को मनाया गया, उस दिन 203 लोगों में टीबी से मिलते जुलते लक्षण पाये गये। इनमें से 182 लोगों के बलगम व अन्य जांच कराने पर 10 रोगी सामने आये। 15 फरवरी को आयोजित एकीकृत निक्षय दिवस पर 178 संभावितो में से 170 की जांच करायी गयी , जिसमें टीबी के 11 नये मरीज मिले।

जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि  क्षय उन्मूलन के लिए सबसे जरूरी है टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान होना, जितनी जल्दी पहचान, उतनी जल्दी उपचार और उतनी ही जल्दी टीबी संक्रमण का फैलना बंद। क्षय रोग इकाई का पूरा फोकस है कि टीबी मरीजों की जल्दी से जल्दी पहचान हो। उन्होंने बताया –  पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से फैलती है। उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका  कम हो जाती है।

हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर है बलगम कलेक्शन की सुविधा: जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया – 17 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य़ केन्द्रों सहित जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बलगम कलेक्शन की सुविधा है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की मदद से टीबी जांच करायी जा सकती है।

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