Money Laundering Case : सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर आज HC सुनाएगा निर्णय, 10 महीने से हैं जेल में बंद

 Money Laundering Case: सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली HC सुनाएगा निर्णय, 10 महीने से हैं जेल में बंद
Money Laundering Case सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और चार्जशीट दाखिल होने के बाद उनकी कारावास जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी।

नई दिल्ली । मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट आज अपना निर्णय सुनाएगा। अदालत जैन के साथ आरोपित अंकुश जैन व वैभव जैन की जमानत याचिका पर भी निर्णय सुनाएगी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी और जैन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 22 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जैन ने जमानत देने से इन्कार करने के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

सत्येंद्र जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन को जमानत मिलने पर गवाहों की जान को खतरे की आशंका जताई है। ईडी ने कहा था कि जैन बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें जमानत मिलने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

सत्येंद्र जैन को एजेंसी ने पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। उन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा गुरुवार को फैसला सुनाएंगे। उच्च न्यायालय ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और चार्जशीट दाखिल होने के बाद उनकी कारावास जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी। आप नेता ने ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर 2022 के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें उनकी जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि वह प्रथम दृष्टया अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे।

उनके अलावा ट्रायल कोर्ट ने दो सह-अभियुक्तों वैभव जैन और अंकुश जैन को भी यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने “जानबूझकर” अपराध की कार्यवाही को छिपाने में जैन की सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के “प्रथम दृष्टया दोषी” थे। तीनों आरोपियों की जमानत याचिका का ईडी ने विरोध किया था।

अदालत में दायर अपने जवाब में एजेंसी ने कहा है कि सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उनकी रिहाई से आगे की जांच बाधित होगी। वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है जो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

ईडी ने जैन के खिलाफ 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को गिरफ्तार किया था। उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 6 सितंबर 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।

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