Friday, April 19, 2024
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जुबां पर खालसा का नारा और आंखों में गुस्सा, पंजाब पुलिस को झुकाने वाले खालिस्तानी समर्थक है अमृतपाल सिंह

अमृतसर, 24 फरवरी। पंजाब में एक बार फिर खालिस्तानी आतंकवाद पैर पसार रहा है और पंजाब सरकार बेबस है। इसकी एक बानगी 23 फरवरी को अमृतसर में देखने को मिली। पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को (23 फरवरी) को बड़ा भारी बवाल हो गया। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में हजारों की भीड़ ने थाने का घेराव किया। हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने बंदूक, तलवार और लाठियां लेकर अमृतसर में थाने पर चढ़ाई कर दी। गृह मंत्री अमित शाह को जान से मारने की धमकी दे चुके अमृतपाल सिंह ने 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के अजनाला थाने में जमकर बवाल काटा। अमृतपाल ने अपने समर्थकों की गिरफ्तारी पर तलवारें लिए हजारों लोगों के साथ थाने में घुसकर सरकार को उनकी रिहाई के लिए मजबूर कर दिया।

पंजाबी ऐक्टर संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू की मौत के 7 महीने बाद उनका बनाया संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ एक बार फिर सुर्खियों में है। सितंबर में इस संगठन की कमान 29 साल के नौजवान अमृतपाल सिंह को दी गई थी, जिसे उसकी हरकतों के लिए 4 महीने में ही ‘भिंडरावाले 2।0’ कहा जा रहा है।

वारिस पंजाब दे संगठन की कमान अमृतपाल सिंह के हाथ में है। यह कमान उसे खालिस्तानी विद्रोही जनरैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) के गांव में सौंपी गई थी। भिंडरावाले को ही 80-90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद को चरम पर पहुंचाने का जिम्मेदार माना जाता है।अमृतपाल सिंह खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले का ही अनुयायी होने का दावा करता है। हालांकि, दीप सिद्धू का परिवार यह मानता है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान के नाम पर सिख युवाओं को गुमराह कर रहा है। संगठन के मुखिया की ताजपोशी के मौके पर अमृतपाल सिंह ने कहा भी था कि भिंडरावाले मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनके बताए रास्ते पर चलूंगा। अमृतपाल ने भिंडरावाले की याद में बने गुरुद्वारा संत खालसा के पास ही इस सभा को संबोधित किया। इस मौके पर 15 प्रस्तावों को पास किया गया। इसमें यह भी कहा गया कि कोई भी व्यक्ति सिखों के धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

अब एक नजर वारिस दे पंजाब संगठन पर एक नजर। दीप सिद्धू ने वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाने और पंजाब को ‘जगाने’ के लिए किया था। इस संगठन का एक मकसद पंजाब के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक मद्दों को उठाने के लिए भी किया गया था। साथ ही एक विवादित लक्ष्य भी है, पंजाब की ‘आजादी’ के लिए लड़ाई। पंजाब चुनाव से पहले चंडीगढ़ में ‘वारिस पंजाब दे’ की स्थापना करते हुए दीप सिद्धू ने कहा था कि पंजाब के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा करने,स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों को उठाने का काम यह संगठन करेगा। साथ ही दिल्ली की तानाशाही के खिलाफ दबाव समूह के रूप में भी काम करेगा। गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के लालकिला पर सिख झंडा फरहाने के आरोप में दीप सिद्धू के गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी।

अमृतसर में बवाल काटने वाले अराजक भीड़ का नेता अमृतपाल दुबई में रहता है। वह कुछ महीने पहले ही पंजाब लौटा है। वह भिंडरावाले की तरह की कपड़े पहनता है। हथियारबंद लोगों का दस्ता भी उसके साथ रहता है। अब सवाल यह है कि क्या भारत का कानून ऐसे लोगों को यूं जाने देगा या इनपर कोई कारर्वाही की जाएगी।

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