Sunday, May 19, 2024
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Indian Politics : भगवंत मान को साथ लेकर अचानक उद्धव ठाकरे से मिलने क्यों पहुंच गए अरविंद केजरीवाल?  

अपनी पत्रिका ब्यूरो  

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की पिछले हफ्ते मुंबई में ‘मातोश्री’ में मुलाकात हुई। दोनों की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में अलग समीकरण के कयास लगने शुरू हो गए हैं। केजरीवाल के साथ उद्धव से मिलने भगवंत मान भी पहुंचे थे, जो पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा भी थे, जो एक तरीके से पार्टी की धुरी माने जाते हैं। इससे तमाम सियासी पंडित चौंक गए।

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उद्धव ठाकरे की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब कुछ वक्त पहले ही चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना को पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित कर दिया। उधर, अरविंद केजरीवाल भी सिसोदिया (Manish Sisodia) मामले को लेकर घिरे हैं।

अचानक उद्धव से क्यों मिले केजरीवाल?

शिवसेना के बेहद करीबी सूत्रों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल का अचानक ‘मातोश्री’ जाना यूं ही नहीं था। बल्कि एक तरीके से समर्थन जैसा था कि वो इलेक्शन कमीशन के फैसले के खिलाफ उद्धव के साथ खड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल मुंबई में उद्धव से मिलकर दिल्ली दरबार तक यह संदेश देना चाहते थे कि जिस तरीके से केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है।

 

क्या BMC चुनाव साथ लड़ेंगे उद्धव-केजरीवाल?

उद्धव ठाकरे और अरविंद केजरीवाल (Uddhav Thackeray) की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। इसकी वजह यह भी है कि केजरीवाल और ठाकरे के बीच कभी कोई नजदीकी नहीं थी। न तो दोनों साथ नजर आए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएमसी के इलेक्शन में AAP और उद्धव की अगुवाई वाली शिवसेना एक साथ उतर सकते हैं। हालांकि अभी तक आम आदमी पार्टी (AAP) यही कह रही है कि वह अकेले बीएमसी (BMC) की सभी 227 सीटों पर लड़ेगी।

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था?

मुलाकात के बाद जब अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे और भगवंत मान ने एक साथ प्रेस को संबोधित किया, तब केजरीवाल से इस मसले पर भी सवाल किया गया था। तब उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर बात की, जो देश के लिए गंभीर विषय हैं। जब चुनाव आएंगे तो देखेंगे…।

दिल्ली की तरह आसान नहीं BMC का चुनाव

हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) के कब्जे वाली दिल्ली की एमसीडी (MCD) की तरह मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) का चुनाव इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि वहां बीजेपी, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिव सेना, कांग्रेस, एनसीपी, राज ठाकरे की मनसे, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया जैसी कई पार्टियां और दावेदार हैं।

उद्धव के पास केजरीवाल से ज्यादा तजुर्बा

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और अरविंद केजरीवाल की सियासत पर नजर डालें तो आईआईटी से ग्रेजुएट और पूर्व आईआरएस अफसर केजरीवाल ने साल 2012 में AAP की नींव डाली थी। इसी साल शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे का निधन हुआ था और उनके बेटे उद्धव पार्टी के अध्यक्ष बने थे। हालांकि सियासत में उद्धव, केजरीवाल के मुकाबले ज्यादा तजुर्बेकार हैं। वह 2005 में ही शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष बन गए थे।

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