अभिलाषा मिश्रा
23 साल की साक्षी ने जहा, एक तरफ देश को ओलंपिक में मैडल दिला कर गौरवान्वित किया , वही दूसरी और देश की बेटी शहनाज ने इन्डियन आर्मी में सर्वोच्च पद प्राप्त किया शहनाज प्रथम भारतीय महिला है जिन्हें इंडियन आर्मी के ज्यूडिशियल विभाग में एडवोकेट जनरल के पद पर नियुक्ति दी गई है ।
शहनाज की इस उपलब्धि पर घरवालों के साथ साथ सब नाते रिश्तेदार, दोस्त, अडोस, पड़ोस के लोग उन्हें बधाई देने आ रहे है, शहनाज़ अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता -पिता को देते हुए बताती है कि किस तरह से उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में आर्मी सिलेक्शन बोर्ड की लिखित परीक्षा को पास किया , साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से वो लोग फेस रीडिंग से लेकर आपके एटीटयूड और पर्सनल्टी के साथ साथ आपके अनुभव को भी काफी बारीकी से परखते है।
मेवात की मात्र 23 वर्षीय शहनाज़ रिटायर्ड मेजर सूबेदार आसू खान की बेटी हैं। शहनाज ने यह भी स्पष्ट किया कि किस तरह मेडिकल जांच के दौरान कोहनी में थोड़ासा फर्क और पैर में थोड़ी सी सूजन होने के कारण उन्हें रिजेक्ट किया गया और फिर किस तरह से आर्मी से लेकर एम्स मेडिकल हॉस्पिटल तक भाग दौड़ के बाद उन्हें आखिरकार सफलता मिल ही गयी।