Wednesday, May 8, 2024
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दिल्ली के 7 अहम फ्लाईओवर से सुधरेंगे हालात, सरकार ने 12.46 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी

दिल्ली के 7 अहम फ्लाईओवर को सुधारने का काम शुरू होगा। दिल्ली में यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सात महत्वपूर्ण फ्लाईओवर के सुदृढ़ीकरण और मरम्मत कार्य को मंजूरी दे दी है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए 12.46 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी ही। दिल्ली की इन सात परियोजनाओं में अफ्रीका एवेन्यू फ्लाईओवर, मोती बाग फ्लाईओवर, सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर, आईटीओ फ्लाईओवर, तिलक नगर जिला केंद्र फ्लाईओवर, तिलक नगर मेट्रो फ्लाईओवर और पंजाबी बाग फ्लाईओवर शामिल हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि दिल्ली के पुराने फ्लाईओवर मरम्मत की खुराक मांग रहे हैं। इनमें बड़े स्तर पर मरम्मत कराए जाने की जरूरत है। वर्तमान में 18 से अधिक फ्लाईओवर ऐसे हैं, जिनके एक्पेंशन ज्वाइंट व बेयरिंग खराब हो चुके हैं। इससे सामान्य तौर पर तो फ्लाईओवर में खराबी नहीं दिखती है मगर जब आप इनके ऊपर से गुजरते हैं तो ज्वाइंट पर झटका लगता है। क्योंकि ज्वाइंट पर सड़क का तल सपाट नहीं रहता है। इसी तरह फ्लाइओेवर के पिलर और गार्डर के बीच लगाए गए बेयरिंग खराब हो जाने से होने वाली हल्की जंपिंग बंद हो गई है।

अब दिल्ली की सरकार ने सात फ्लाईओवर की मरम्मत का फैसला लिया है। इसकी जानकारी दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिया है। परियोजनाओं के बारे में दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को बेहतर सड़कें और फ्लाईओवर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये परियोजनाएं 12.46 करोड़ रुपये की हैं। सिसोदिया ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए, पीडब्ल्यूडी दिल्ली के सात मुख्य फ्लाईओवर के सुदृढ़ीकरण और मरम्मत का काम करेगा। इससे फ्लाईओवर को मजबूती मिलेगी और उनके जीवन काल में 20 साल तक की वृद्धि होगी।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा करीब दो साल पहले कराए गए सर्वे में पता चला था कि इन फ्लाइओवरों में काम कराने की जरूरत है। इस सर्वे के आधार पर विभाग ने 2005 से पहले के बने सभी फ्लाइओवरों की केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) से अध्ययन कराने का फैसला लिया था। सीआरआरआइ इन फ्लाईओवरों का तकनीकी अध्ययन करेगा। जिसमें बताएगा कि इनमें क्या क्या काम कराए जाने हैं। पहले यह सर्वे अप्रैल-मई 2019 में शुरू होना था। किन्ही कारणों से काम में देरी हुई और फरवरी 2020 में इसके लिए प्रक्रिया शुरू की गई, मगर इसी बीच कोरोना का प्रकोप बढ़ गया। पहली लहर समाप्त होने के बाद फरवरी-मार्च में फिर इसके लिए तैयारी शुरू हुई, मगर अप्रैल 2021 में फिर कोरोना की दूसरी लहर आ गई। अब फिर से इस बारे में प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अगर कोरोना को लेकर माहौल ठीक रहा तो सर्वे का काम शुरू होने के छह माह में रिपोर्ट आ जाएगी, उसके बाद इस बारे में कार्य शुरू किया जाएगा। अभी सर्व को अक्टूबर, नवंबर से शुरू कराए जाने की योजना है।

अभी जिन फ्लाइओवर में काम होना है उसमें मुख्यरूप से 1982 में ही बने ओबराय फ्लाइओवर से लेकर 2004 में बना कालका जी फ्लाइओवर तक शामिल है। इसके अलावा 1982 में आइटीओ के पास बने आइ पी एस्टेट फ्लाईओवर की दोनों ओर की क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारों को तोड़कर फिर से बनाया गया है। मगर तकनीकी कार्य नहीं कराया जा सका है। जिन फ्लाइओवर में मरम्मत होनी है इसमें कुछ फ्लाइओवर ऐसे हैं जो लोक निर्माण ने नही बनाए थे, ये डीडीए या दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम व नगर निगम द्वारा बनाए गए थे। मगर बाद में इन्हें लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया।

यातायात के अत्यधिक दबाव के कारण फ्लाइओवरों में छोटी मोटी कमियां आ जाती हैं। 15 साल में एक्सपेंशन ज्वाइंट खराब हो जाते हैं जो बदले जाते हैं। विभाग का प्रयास है कि इनके बारे में तकनीकी अध्ययन कराकर सही जानकारी जुटाई जा सके। उसके आधार पर काम किया जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते लगाए गए लाकडाउन के कारण से इस कार्य में देरी हुई है।

बता दें कि दिल्ली में कई मुख्य सड़कें और फ्लाइओवर ऐसे हैं जिनके निर्माण का कार्य अभी भी अधूरा है। दिल्ली के आउटकम  बजट में सामने आया था कि लोक निर्माण विभाग साल 2022-23 की दूसरी तिमाही में एलिवेटेड कॉरिडोर, सड़कों की मरम्मत और कई फुट ओवरब्रिज के निर्माण के टारगेट को पूरा नहीं कर पाया। वहीं पिछले एक साल में पीडब्ल्यूडी ने अपने 132 किलोमीटर सड़क के मरम्मत के टारगेट के बजाय 100 किमी सड़क की मरम्मत का काम पूरा किया है  हालांकि मरम्मत की गई सड़कों की समीक्षा दे दौरान विभाग को कई शिकायतें मिली थीं। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग पिछले दो साल से ज्यादा समय से 16 फुटओवरब्रिज की मरम्मत के काम में लगा हुआ है लेकिन उनमें से वह अब तक केवल 2 फुटओवरब्रिज की मरम्मत के काम को ही पूरा कर सका है।

 

 

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