जब भारत ने विश्वकप में आगाज किया था तब पहली बार एैसा लगा कि कुछ करने वाली है लेकिन सेेमीफाइनल में एैसा क्या हुआ कि टीम हर मोर्च पर आस्टेलिया से पिछडती नजर आयी ं। लोगों को लगा कि यह इसलिये हुआ कि विराट कोहली ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नही किया । पर सच क्या है इस बात से लोग दूर रहे। इस मैच में जो कुछ भी हुआ वह प्रांशगिक था । भारत अच्छी तरह से जानता था कि वह आस्टेलिया को लेकर डिप्रेशन में है और उससे अभी अभी श्रृखला खेली है और बुरी तरह से हारी है । इस हार को दिलाने का काम किसी और ने नही बल्कि उसके ही अपने श्रीनिवासन जी ने किया था। रविशास्त्री जिन्हें की महारत हासिल है इस काम की उन्हे ंइस दौरे पर भेजा गया और शिखर धवन व विराट कोहली में विवाद भी इसी को लेकर हुआ जिसके कारण कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को टेस्ट मैच से सन्यास लेने की घोषणा करनी पडी। अब सवाल यह उठता है कि क्या सौरव गांगुली की तरह घोनी को कप्तानी से हटाकर विराट को कप्तान बनाने की अपनी महात्वांकाक्षा पर रवि शास्त्री सफल हो पायेगें क्योंकि समीकरण वहीं है वह भी कप्तान बनना चाहते थे और उस समय अमृता सिंह से उनका अफेयर चल रहा था। किन्तु न तो वह कप्तान बन सके और नही अमृता सिंह मिली , उसने सैफ अली खान से शादी कर ली। यही अब विराट के साथ हो रहा है और कप्तान बनने के चक्कर में कही अनुष्का शर्मा हाथ से न निकल जाये।
देश के लिए धड़कता है विराट का दिल: रविशास्त्री
वल्र्ड कप में अपने खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना के शिकार भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली का बचाव करते हुए टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा कि इस बल्लेबाज के विश्व कप में औसत प्रदर्शन का उनकी महिला मित्र अनुष्का शर्मा की मौजूदगी से कोई सरोकार नहीं है और इस तरह की बातें सरासर बकवास हैं।शास्त्री ने कहा कि यदि ऐसा होता तो विराट ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरिज में 700 रन नहीं बनाते और चार शतक नहीं लगाते। वे उतने ही अनुशासित है जितने कि बाकी खिलाड़ी हैं। उनका दिल भारत के लिए धड़कता है। इस तरह के खिलाड़ी बहुत कम होते हैं और सच कहूं तो अभी वे चुके नहीं हैं।
धौनी की भी किया तारीफ
शास्त्री ने पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद लय में लौटने के लिए विराट की तारीफ की। उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की भी तारीफ करते हुए कहा कि वे यहां से और निखरते जाएंगे। उन्होंने कहा कि श्अब धौनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लिहाजा और निखरते जाएंगे। वे पहले से अधिक फिट होंगे और अपनी बल्लेबाजी पर काम करने के लिए उनके पास समय होगा।भारतीय तेज गेंदबाजों उमेश यादव, मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि श्मैं शमी को कोलकाता का नवाब, उमेश को विदर्भ का नवाब और मोहित शर्मा को राजधानी से भी तेज हरियाणा एक्सप्रेस कहता हूं।
ये कैसा धोखा, आखिर टीम इंडिया के साथ ऐसा क्यों हुआ?
आइसीसी क्रिकेट विश्व कप 2015 समाप्त हो गया। ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया और न्यूजीलैंड को निराश होकर घर लौटना पड़ा लेकिन एक निराशा अब टीम इंडिया और उनके फैंस के चेहरे पर भी दिख सकती है। ये निराशा सेमीफाइनल में मिली हार से संबंधित नहीं है, बल्कि ये नतीजा है आइसीसी के रवैये का।
ट्रॉफी नकली या असली
दरअसल, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने विश्व कप फाइनल जीता तो आइसीसी के चेयरमैन एन.श्रीनिवासन ने उन्हें विश्व कप ट्रॉफी सौंपी। आईसीसी के नियमों के हिसाब से सौंपी गई वो ट्रॉफी असल ट्रॉफी की रेप्लिका यानी उसके जैसी दिखने वाली एक ट्रॉफी थी, क्योंकि असल ट्रॉफी आइसीसी अपने पास ही रखता है….लेकिन जब आज कंगारू टीम मेलबर्न की सड़कों पर फैंस के साथ जश्न मनाने उतरी तो उनके हाथों में असली विश्व कप ट्रॉफी थी। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि श्रीनिवासन ने कल जो ट्रॉफी सौंपी थी उस ट्रॉफी के नीचे का हिस्सा यानी बेस काला था जबकि जिस ट्रॉफी के साथ क्लार्क सड़कों पर उतरे उसके नीचे सिक्कों जैसी डिजाइन है जिस पर विजेता देशों के नाम लिखे जाते हैं।
भारत के साथ क्यों हुआ ऐसा ?
2011 विश्व कप में जब आइसीसी ने विजेता भारतीय टीम को ट्रॉफी सौंपी थी तो उस पर भारतीय मीडिया ने सवाल उठाए थे। उस समय आइसीसी ने सफाई में कहा था कि विजेता टीम को रेप्लिका यानी डुप्लीकेट ट्रॉफी ही दी जाती है। इसके बाद धौनी सेना ने भारत में उसी नकली ट्रॉफी के साथ जश्न मनाया था और उसी में अपनी खुशी ढूंढ ली थी लेकिन आखिर रातों-रात कंगारू टीम को क्यों असल ट्रॉफी सौंप दी गई ये एक बड़ा सवाल है। आखिर आइसीसी ने ऐसा दोहरा मापदंड क्यों अपनाया?
1999 में ऑस्ट्रेलिया ने उठाई थी वो ट्रॉफीः
इंग्लैंड में हुए 1999 क्रिकेट विश्व कप से 11 किलोग्राम वजनी और सोने व चांदी से बनी इस ट्रॉफी का अनावरण हुआ था। उस विश्व कप में जीत हासिल करने के बाद कंगारू टीम ने असली ट्रॉफी ही उठाई थी लेकिन उसके बाद आइसीसी ने अपने नियम थोड़े तोड़-मरोड़ दिए थे।
बल्लेबाजों की आइसीसी वनडे रैंकिंगः
जहां कोहली चैथे स्थान पर और धवन छठे स्थान पर मौजूद हैं वहीं, भारतीय वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी तीसरे ऐसे भारतीय बल्लेबाज हैं जो शीर्ष-10 में जगह बनाने में सफल रहे। धौनी आठवें स्थान पर मौजूद हैं। भारतीय ओपनर रोहित शर्मा ने विश्व कप के बाद सात पायदान की लंबी छलांग लगाते हुए 12वें स्थान पर कब्जा जमाया जहां वो संयुक्त तौर पर ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ और पाकिस्तान के मिस्बाह-उल-हक के साथ मौजूद हैं। रोहित ने विश्व कप 2015 में 330 रन बनाए थे। इस सूची में द.अफ्रीका के कप्तान एबी डीविलियर्स अब भी शीर्ष पर कायम हैं। इसके साथ ही एबी वनडे क्रिकेट इतिहास के 11वें व हाशिम अमला के बाद द.अफ्रीका के दूसरे ऐसे बल्लेबाज भी बन गए जिन्होंने 900 अंक के आंकड़े को पार किया।
गेंदबाजों की आइसीसी वनडे रैंकिंगः
विश्व कप 2015 में मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले बाएं हाथ के तेज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने पहली बार वनडे रैंकिंग्स में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया है। विश्व कप 2015 में स्टार्क ने संयुक्त तौर पर न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट के बराबर 22 विकेट झटके थे। इस प्रदर्शन के साथ स्टार्क ने रैंकिंग में दो पायदान की छलांग लगाई। आपको बता दें कि स्टार्क ने विश्व कप की शुरुआत सातवें पायदान पर रहकर की थी। फिलहाल उनके 783 अंक हैं जो कि उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रेंटिंग भी है। उनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के जेम्स फॉकनर ने भी टीम इंडिया के उमेश यादव के साथ एक स्थान की छलांग लगाई है। यादव ने विश्व कप में 18 विकेट झटके जिसके साथ ही वो पहली बार शीर्ष-20 में जगह बनाने में सफल रहे। अब वो संयुक्त तौर पर इंग्लैंड के जेम्स ट्रेडवेल के साथ 18वें पायदान पर हैं।
ऑलराउंडरों की आइसीसी वनडे रैंकिंगः
ऑलराउंडरों की रैंकिंग की बात करें तो इस सूची में शीर्ष पायदान पर श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान मौजूद हैं जबकि दूसरे स्थान पर बांग्लादेश के शाकिब-अल-हसन मौजूद हैं। शीर्ष 10 ऑलराउंडरों में जो एक बदलाव देखने को मिला है वो हैं द.अफ्रीका के जेपी डुमिनी चार पायदान की छलांग के साथ नौवें स्थान पर मौजूद हैं। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी ने अपने वनडे करियर को अलविदा कह दिया है और उन्होंने ऑलराउंडरों की सूची में छठे पायदान पर रहकर विदाई ली। बल्लेबाजों की सूची में अफरीदी 44वें पायदान पर रहे जबकि गेंदबाजों की रैंकिंग में वो 30वें पायदान पर रहे।
टीम इंडिया का कोई खिलाड़ी आईसीसी विश्व कप टीम में नहीं
आईसीसी ने अपनी विश्व कप 2015 टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम में 12 खिलाडि़यों का चयन किया गया है। भारतीय टीम के प्रशंसकों को गहरा धक्का लगा है। विश्व कप में लगातार सात जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने वाली टीम इंडिया के कोई भी खिलाड़ी आईसीसी की टीम में जगह नहीं मिली है। न्यूजीलैंड के कप्तान और सलामी बल्लेबाज ब्रेंडन मॅक्कुलम को आईसीसी ने अपनी टीम का कप्तान चुना है।
आईसीसी की टीम में न्यूजीलैंड के कुल पांच खिलाड़ी अपनी जगह पक्की करने में कामयाब रहे। न्यूजीलैंड के बाद विश्व कप जीतने वाले ऑस्ट्रेलियाई टीम से तीन खिलाडियों को आईसीसी की टीम में जगह मिली है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के दो और श्रीलंका व जिम्बाब्वे के एक-एक क्रिकेटर भी लिस्ट में शामिल हैं। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया को विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान माइकल क्लार्क को टीम में जगह नहीं मिली है।
आईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मॅक्कुलम को 44 दिनों के टूर्नामेंट में आक्रामक, नए प्रयोगों और प्रेरणादायी नेतृत्व की वजह से कप्तान चुना गया है। मॅक्कुलम ने टूर्नामेंट के नौ मैचों में 4 अर्धशतकों की मदद से 328 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 188.50 रहा। बयान में कहा गया कि टीम में चयन का आधार सिर्फ आंकड़े नहीं थे।
आईसीसी की विश्व कप टीम- मार्टिन गप्टिल (न्यूजीलैंड), ब्रेंडन मॅक्कुलम-कप्तान (न्यूजीलैंड), कुमार संगकारा-विकेटकीपर (श्रीलंका), स्टीवन स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया), एबी डीविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका), ग्लेन मैक्सवेल (ऑस्ट्रेलिया), कोरी एंडरसन (न्यूजीलैंड), डेनियल विटोरी (न्यूजीलैंड), मिशेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया), ट्रेंट बोल्ट (न्यूजीलैंड), मॉर्ने मोर्केल (दक्षिण अफ्रीका), ब्रैंडन टेलर-12वां खिलाड़ी (जिम्बाब्वे)।
होने वाला है क्रिकेट में बड़ा खुलासा..
वल्र्ड कप 2015 की विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया को आइसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन ने ट्रॉफी दी थी, मगर इस बात पर अब बवाल मचता दिख रहा है। दरअसल ये ट्रॉफी अब तक आइसीसी अध्यक्ष ही विजेता टीम को देते थे मगर पहली बार ऐसा हुआ कि ट्रॉफी आइसीसी अध्यक्ष ने नहीं बल्कि चेयरमैन ने दी है। इस बात से खफा होकर आइसीसी के अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जता दी है और कहा है कि वो कई बातों का खुलासा करेंगे।मुस्तफा कमाल ने कहा है कि विजेता टीम को ट्रॉफी देना मेरा अधिकार था जो दुर्भाग्यवश मुझसे छीन लिया गया। यह मेरे अधिकारों का हनन है। अब मैं पूरी दुनिया को बताउंगा कि आइसीसी में क्या चल रहा है साथ ही इस बात का भी खुलासा करूंगा कि इस घटिया हरकत के पीछे किसका हाथ है।गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के बीच हुए वर्ल्ड कप 2015 क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान अंपायर के कुछ फैसलों पर मुस्तफा कमाल ने सार्वजनिक तौर पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद आइसीसी का प्रोटेकॉल तोड़ने के जुर्म में उन्हें वर्ल्ड कप विजेता टीम को ट्रॉफी देने से रोक दिया गया था।