श्रीनगर-जम्मू अलगाववादी नेता मसर्रत आलम भट पर शिकंजा कसते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उसके खिलाफ कठोर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लागू किया और उसे घाटी से जम्मू की एक जेल में स्थानांतरित कर दिया। पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को सुनवाई के बिना अधिकतम छह माह तक जेल में बंद रखा जा सकता है। भट को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा आयोजित एक रैली में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और पाकिस्तानी झंडा लहराने के बाद देशद्रोह और राजद्रोह के आरोप में 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। पीडीपी की अगुवाई वाली सरकार ने पीएसए के तहत चार साल से अधिक समय तक जेल में बंद रहने के बाद उसे बीते माह रिहा कर दिया था। बडगाम के जिला मजिस्ट्रेट अल्ताफ अहमद मीर ने आज यहां बताया कि उसके (भट के) खिलाफ पीएसए लागू किया गया है और उसे कोटभलवाल जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद 45 वर्षीय कट्टरपंथी नेता को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। पुलिस ने आज बताया कि उसे रात को श्रीनगर से स्थानांतरित कर जम्मू की कोटभलवाल जेल भेज दिया गया। उसने बडगाम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत के लिए आवेदन किया था। मजिस्ट्रेट ने बुधवार को अभियोजन पक्ष तथा याचिकाकर्ता की दलीलें सुनीं। इसके बाद अदालत ने जमानत के आग्रह पर अपना फैसला शनिवार तक सुरक्षित रख लिया। पुलिस ने भट, सैयद अली शाह गिलानी और अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 121 एक (देशद्रोह), 124 (राजद्रोह), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 147 (दंगा फैलाना) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में अब तक केवल भट को ही गिरफ्तार किया गया है।