नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को ट्रेन की जनरल बोगी में यात्रा की। वह पंजाब के खन्ना और गोविंदगढ़ के लिए रवाना हुए, जिसे ‘अनाज का कटोरा’ भी कहा जाता है। कांग्रेस के मुताबिक, यहां राहुल किसानों से मिलकर उनकी समस्याएं जानेंगे। राहुल गांधी जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सवार हुए तो बहुत सारे यात्री उनको देखकर हैरान रह गए। राहुल डिब्बे में खिड़की की तरफ वाली सीट पर बैठे और उन्होंने लड़कियों को ऑटोग्राफ भी दिए। इस यात्रा में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके साथ रहे। राहुल का सुरक्षा दस्ता साथ नहीं था।
‘किसानों का दर्द जानूंगा’
यात्रा से पहले राहुल ने कहा कि किसानों की जमीन छीनी जा रही है, इसलिए वे किसानों से मिलना चाहते हैं और खुद उनके दर्द को जानना चाहते हैं। बता दें कि राहुल गांधी छुट्टियों से लौटने के बाद किसानों के मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के लैंड बिल के विरोध में किसान रैली को भी संबोधित किया था।
पद यात्रा भी करेंगे राहुल
राहुल गांधी जल्द ही ‘किसान पदयात्रा’ निकालेंगे। यात्रा का प्रारूप लगभग तैयार है। संसद सत्र खत्म होने के पहले ही इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। रामलीला मैदान की किसान रैली में मोदी सरकार पर धावा बोल चुके राहुल ने इसके लिए एक लंबी रणनीति तैयार की है। इसके तहत वे खेती और किसानों के मुद्दों को उठाकर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश करेंगे।
राहुल गांधी जल्द ही ‘किसान पदयात्रा’ निकालेंगे। यात्रा का प्रारूप लगभग तैयार है। संसद सत्र खत्म होने के पहले ही इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। रामलीला मैदान की किसान रैली में मोदी सरकार पर धावा बोल चुके राहुल ने इसके लिए एक लंबी रणनीति तैयार की है। इसके तहत वे खेती और किसानों के मुद्दों को उठाकर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश करेंगे।
रोजाना 15-18 किमी की पदयात्रा
राहुल की पदयात्रा महाराष्ट्र के विदर्भ से शुरू होकर तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, राजस्थान होते हुए देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचेगी। इस दौरान वे रोजाना 15 से 18 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। वे पहले देश के उन हिस्सों में जाएंगे, जहां किसानों की आत्महत्या से लेकर, भूमि अधिग्रहण, फसलों को समर्थन मूल्य न मिलने जैसे मुद्दों पर असंतोष है।
राहुल की पदयात्रा महाराष्ट्र के विदर्भ से शुरू होकर तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, राजस्थान होते हुए देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचेगी। इस दौरान वे रोजाना 15 से 18 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। वे पहले देश के उन हिस्सों में जाएंगे, जहां किसानों की आत्महत्या से लेकर, भूमि अधिग्रहण, फसलों को समर्थन मूल्य न मिलने जैसे मुद्दों पर असंतोष है।