बाल कथा: कठिनाइयों से निकलता है रास्ता…

जयपुर चिंटू अपने माता−पिता का इकलौता बेटा था। घर पर उसके लाड़−प्यार में कोई कमी नहीं रखी गई थी, उसकी हर फरमाइश को उसके माता−पिता चिंटू के कहते ही पूरा कर देते। वह पांच साल को होने को आया था किन्तु आज तक उसे एक गिलास पानी भी अपने हाथ से पीने की जरूरत नहीं पड़ी थी, उसे कुछ भी चाहिए होता वह तुरंत ही मम्मी या पापा को आदेश दे देता और उसका काम चुटकियों में पूरा हो जाता।

बहुत आराम और लाड़−प्यार में पले−बढ़े होने के कारण चिंटू को जरा सी भी तकलीफ बहुत बड़ी लगती थी, हालत यह थी कि उसे यदि मच्छर भी काट लेता तो वह सारे घर को आसमान पर उठा लेता था।

जब वह पांच साल का होने को आया तो उसके माता−पिता ने उसे स्कूल भेजने का विचार किया। पर, चिंटू ने स्कूल जाने के लिए स्पष्ट मना कर दिया वह बोला− ”नहीं! मैं स्कूल नहीं जाऊंगा, स्कूल में बहुत पढ़ाई करना पड़ती है और नहीं की तो सजा भी मिलती है।

चिंटू की मम्मी ने चिंटू को समझाया कि बेटा पढ़ाई करना बहुत जरूरी है, पढ़ाई करके ही हम आगे बढ़ते हैं। पर, चिंटू के ऊपर उसकी मम्मी की बात का कुछ भी असर न हुआ उसने स्कूल में दाखिला लेने से साफ इंकार कर दिया। चिंटू के माता−पिता की समझ में न आया कि चिंटू को कैसे समझाया जाए।

फिर एक दिन चिंटू के घर पर गांव से उसके दादाजी आए। चिंटू अपने दादाजी से बहुत प्यार करता था उसने दादाजी से खूब सारी कहानियां सुनी और उनके साथ खेलने−कूदने में दिन बिताया।

चिंटू के माता−पिता ने जब चिंटू के दादाजी को उसके स्कूल जाने से मना करने वाली बात बताई तो चिंटू के दादाजी ने कहा− चिंटू को कुछ दिन मेरे साथ गांव भेज दो, सब कुछ ठीक हो जाएगा।
चिंटू अपने दादाजी से बहुत प्यार करता था। चिंटू के पापा ने जब चिंटू से दादाजी के साथ गांव घूमने जाने को कहा तो चिंटू तुरंत ही उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया और अगले ही दिन उसके दादाजी उसे अपने साथ गांव ले आए।

चिंटू के दादाजी ने गांव में चिंटू को खूब आराम में रखा और नई−नई कहानियां भी सुनाई और फिर एक दिन सुबह−सुबह वे चिंटू को मार्निंग वॉक के लिए अपने साथ घुमाने के लिए ले गए। बहुत दूर पैदल चलने के बाद जब चिंटू थक गया तो उसके दादाजी उसे एक ऐसे रास्ते पर लेकर आए जो बहुत ही संकरा था तथा उसमें जगह−जगह कांटे उगे हुए थे। चिंटू ने दो ही कदम आगे बढ़ाए थे कि उसे कांटा चुभ गया। चिंटू जोर से चिल्लाया− अरे! देखो मेरे पैर में कांटा चुभ गया, मैं इस रास्ते पर आगे नहीं जाऊंगा।

चिंटू के दादाजी ने कहा बेटा, हम बहुत दूर निकल आए हैं और मैं बहुत थक भी चुका हूं अब घर जल्दी लौटने का यही एकमात्र रास्ता बचा है। पर, चिंटू ने उस रास्ते पर न जाने की जिद कर ली और थका होने के कारण वहीं पास में एक बड़े पत्थर पर बैठ गया। चिंटू के दादाजी ने कुछ सोचा और फिर वे भी चिंटू के पास ही बैठ गए।

चिंटू को अब भूख सताने लगी थी, वह दादाजी से बोला−”मुझे बहुत तेज भूख लग रही है।”

दादाजी ने कहा−बेटा! भूख तो मुझे भी लग रही है पर, यहां आसपास कोई भोजन की व्यवस्था नहीं है… यदि घर पहुंच पाएं तो खाने को मिले।

चिंटू ने कांटे भरे रास्ते की तरफ देखा और फिर मुंह फुलाकर वहीं पसर गया। जैसे−जैसे समय बीतता जा रहा था चिंटू की भूख बढ़ती जा रही थी। थोड़ी देर और बैठने पर जब उसके लिए भूख बिल्कुल ही असहनीय हो गई तो वह उठ खड़ा हुआ और दादाजी से बोला− ”अब जैसे भी हो हमें यहां से चलना ही पड़ेगा, भूख के मारे मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।”
दादाजी ने कहा− ”तुम सच कह रहे हो, मेरा भी यही ख्याल है।”

चिंटू ने हिम्मत की और आगे बढ़कर रास्ते से कांटों को हटाते हुए आगे बढ़ना शुरू किया। चिंटू के दादाजी भी चिंटू के पीछे−पीछे उसके बनाए रास्ते पर चलने लगे। धीरे−धीरे चिंटू को रास्ते में आ रहे कांटों को निकाल कर आगे रास्ता बनाते जाना खेल लगने लगा था और जब कांटों भरा रास्ता खत्म होने को आया तब उसने जल्दी−जल्दी बचे हुए कांटों को निकालकर दूर फेंकते हुए रास्ता बना लिया। चिंटू के दादाजी ने चिंटू से कहा−शाबाश चिंटू! आज तो तुम्हारे बनाए रास्ते के कारण मैं भी आराम से निकल पाया।

थोड़ी ही देर में चिंटू और उसके दादाजी घर पहुंच गए। भूख से चिंटू का बुरा हाल था. जल्दी से उसने भोजन किया और पेट भरने पर दादाजी से बोला−”यदि रास्ते में कांटों की वजह से आज हम आगे न बढ़े होते तो शायद भूख से मर ही जाते।” दादाजी ने चिंटू से कहा−हां! बेटे यदि राह में आने वाली कठिनाईयों से हम घबराने लगे तो कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते।

अपने हौसले से कठिनाइयों को परास्त करके चिंटू बहुत खुश था और फिर उसके बाद कभी भी उसने कठिनाइयों के सामने अपने को असहाय नहीं समझा और जब वह गांव से शहर पहुंचा तो अपने माता−पिता के स्कूल भेजने की बात को तुरंत ही मानकर खुशी−खुशी स्कूल जाने लगा। दादाजी की जादुई झप्पी और अपने बच्चे के व्यवहार से चिंटू के माता−पिता आश्चर्यचकित थे।

 

Comments are closed.

|

Keyword Related


link slot gacor thailand buku mimpi Toto Bagus Thailand live draw sgp situs toto buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ togel macau pub togel http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya syair hk Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 slot depo 5k togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi Daftar Bandar Togel Terpercaya 2023 Terbaru