दिल्ली की बुलडोजर पालिटिक्स का नया रंग, अब मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारे के नाम पर हो रही है राजनीति
The new color of bulldozer politics of Delhi, now politics is being done in the name of temple-mosque and gurudwara
नई दिल्ली, 21 फरवरी। देश की राजधानी दिल्ली में बुलडोज़र और राजनीति दोनों जारी हैं। एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ तीनों निगमों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम पर बड़ा आरोप लगाते हैं कि दिल्ली में बीजेपी की बुलडोजर से वसूली की बहुत बड़ी योजना है। वहीं बीजेपी आरोप लगा रही है केजरीवाल सरकार दिल्ली के कई धार्मिक स्थलों को तोड़ने की तैयारी कर रही है। वैसे दिल्ली की सियासत के जो हालात हैं उससे साफ़ है कि बुलडोजर पर आप और भाजपा एक दूसरे के आमने सामने खड़े हैं।
दक्षिण और उत्तरी नगर निगम की अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई तो पहले से चल ही रही थी हाल ही में पूर्वी दिल्ली नगर निगम भी जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा। इसी दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी को दिल्ली के धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई रोकने की सलाह दी है। इस पर सियासत शुरू हो गई है।मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनपर आरोप लगा कि उनकी ओर से दिल्ली के कई धार्मिक स्थलों को तोड़ने की तैयारी की जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि एलजी विनय सक्सेना की तरफ से फाइल भेजी गई है, जिसमें 60 से अधिक प्राचीन मंदिर, गुरुद्वारे, मजार और धार्मिक स्थलों को हटाकर भवन बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है। इन धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए अतिरिक्त फोर्स की मांग भी की गई है, लेकिन यह दिल्ली की शांति व्यवस्था को भंग करने वाला फैसला होगा। दशकों से बने यह धार्मिक स्थल लोगों की आस्था का केंद्र है, इसलिए इस डिजाइन और प्रोजेक्ट को रोककर हर हाल में धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण प्लान को बदला जाना चाहिए। वहीं इसी मामले पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि आम आदमी पार्टी घड़ियाली आंसू बहा रही है और अतिक्रमण हटाने मामले पर खुद जिम्मेदार होने के बावजूद सियासत कर रही है।
बता दें कि रामनवमी के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभायात्रा पर हुई पथराव के बाद एमसीडी की ओर से बुलडोजर वाली कार्रवाई का सिलसिला जारी है। नगर निगमों की कार्रवाई का स्थानीय लोगों द्वारा जमकर विरोध भी किया जा रहा है। पूरे मामले में विवाद इस बात का भी है कि एक खास समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। हाल ही में दिल्ली के मंगोलपुरी में एमसीडी का बुलडोजर पहुंचा था। वहां पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत मस्जिद के आसपास अवैध निर्माण को तोड़ा गया था। वहीं, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के तैमूर नगर इलाके में भी एमसीडी का बुलडोजर चला था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि इस कार्रवाई को लेकर नोटिस नहीं दिया गया था। इससे पहले साउथ दिल्ली के शाहीन बाग में भी एमसीडी ने बुलडोजर वाली कार्रवाई की थी। हाल ही में मदनपुर खादर इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध करने पर ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।
आपको बता दें दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार दिल्ली में 1797 अवैध कालोनियां हैं जिनमे 40 लाख लोग रहते हैं। साथ ही 755 झुग्गी झोपड़ियां हैं जहाँ 17 लाख लोग रहते हैं। बीजेपी रोहिग्या मुसलमानों का आवैध कब्जा हटाने का दावा कर रही है वहीं आप पार्टी मानती है कि आधी दिल्ली अवैध तरीके से बनी है तो क्या बीजेपी आधी दिल्ली को तोड़ देगी। फिलहाल जनता भी सोच रही है कि कहीं पूरी दिल्ली में बुलडोजर न चल जाए, क्योंकि सच्चाई तो यही है कि अगर नगर निगम अपनी पर आ जाता है तो लगभग हर मकान में नियमों के उल्लंघन के मामले में कुछ न कुछ गड़बड़ निकल ही आएगी।
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