अब दिल्ली वाले भी नहीं कर सकेंगे ओला, उबर और रैपीडो बाइक की सवारी, अन्य राज्यों में भी बैन है सर्विस
Now even Delhiites will not be able to ride Ola, Uber and Rapid bike, service is banned in other states as well
नई दिल्ली, 22 फरवरी। ओला, उबर और रैपीडो की पॉकेट फ्रेंडली सर्विस दिल्ली में बैन हो चुकी है। अब आपको एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने आज से इन तीनों कंपनियों को अपनी बाइक टैक्सी सर्विस को बंद करने के लिए नोटिस थमा दिया है।
जिन लोगों के पास खुद की गाड़ी नहीं है या ऐसे लोग जो गाड़ी खरीदने जितने सक्षम नहीं है उन्हें अगर एक जगह से दूसरी जगह जाना होता है तो वे ओला, उबर या रैपिडो का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी इन तीनों में से किसी भी कंपनी की सर्विस लेते हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। दरअसल, अब आप ओला, उबर और रैपीडो में बाइक टैक्सी सर्विस को बुक नहीं कर पाएंगे। राजधानी दिल्ली जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में अगर किसी व्यक्ति को दफ्तर के लिए निकलना होता है या एक जगह से दूसरी जगह कम पैसों में जाना होता है तो वह अक्सर ओला, उबर या रैपीडो से बाइक बुक करता है ताकि पैसे बच जाएं और वो समय पर गंतव्य तक पहुंच जाए। लेकिन अब दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस पॉकेट फ्रेंडली सर्विस को बंद कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये तीनों ही कंपनियां यातायात नियमों का उल्लंघन कर रही थी। दरअसल, जिन बाइक के जरिए आप एक जगह से दूसरी जगह जा रहे थे वे प्राइवेट नंबर की बाइक थी न कि कमर्शियल नंबर की। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कहा कि ऐसा करना मोटर व्हीकल एक्ट 1998 का उल्लंघन है इसलिए तत्काल प्रभाव से इन तीनों की बाइक सेवा बंद की जाए।
अगर कोई बाइक टैक्सी ड्राइवर दिल्ली में आज से पैसेंजर को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते हुए दिखता है तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट पहले तो 5,000 रुपये का चालान करेगी, दूसरी बार में 10,000 और जेल भी हो सकती है। इसके अलावा ड्राइवर का लाइसेंस 3 साल के लिए रद्द हो सकता है। वही, जिस कंपनी की बाइक ड्राइवर चला रहा होगा या जिस कंपनी में वो काम करता होगा उसे 1 लाख रुपये का जुर्माना इसके लिए भरना होगा।
बिना परमीशन बाइक टैक्सी चलाने के मुद्दे पर विभिन्न राज्य सरकारों और इसे चला रही कंपनियों के बीच तकरार चल रही है। महाराष्ट्र सरकार ने बिना अनुमति बाइक सर्विस शुरू करने पर रैपिडो कंपनी पर रोक लगा दी थी। कंपनी ने इसके बाद सरकार से लाइसेंस मांगा लेकिन राज्य सरकार ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए इनकार कर दिया। जिसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कंपनी को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था।
अब दिल्ली सरकार की ओर से तीनों प्रमुख बाइक टैक्सी कंपनियों पर रोक लगाए जाने से माना जा रहा है कि बाकी राज्यों में भी ऐसे ही कुछ कड़े फैसले सामने आ सकते हैं। साथ ही इस बाइक टैक्सी से जुड़े सवाल आगे और मुखर रूप ले सकते हैं। बता दें कि वर्ष 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किए गए थे, जिसमें एक प्रावधान यह भी था कि कोई भी एग्रीगेटर बिना वैध लाइसेंस के काम नहीं कर सकता है। इसी लिहाज से इन कंपनियों की सर्विस पर रोक लगाई गई है।
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