सुगनी देवी जेसराज अस्पताल प्रबंधन ने राजस्थान में स्वास्थ्य अधिकार योजना की चर्चा करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत के जनहित में पहली बार देश के राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं इलाज शत्-प्रतिशत सरकारी खर्चे पर करवाने के लिए तथा स्वास्थ्य अधिकार नागरिकों को देने का जो ऐलान किया है। उससे निजी अस्पताल संकट में आ गए हैं। प्रबंधन ने कहा है कि हम सब सबकी कामना है कि आप ऐसे शुभ कार्य करते रहे और राजस्थान में लम्बे समय के लिए मुख्यमंत्राी बने रहें। इस अस्पताल के प्रबंधन ने कहा है कि हम आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहते हैं कि आपके इस निर्णय के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों, एनजीओ, चैरिटेबल अस्पताल और प्राइवेट डॉक्टर्स जो सेवाएं निजी रूप में दे रहे हैं, उनके व्यवसाय में शत प्रतिशत रिक्तता आने का भी समाधन करें। उन्होंने कहा कि सरकार उनका अधिकरण कर ले और या उन्हें कितने मरीज ओपीडी भर्ती करके इलाज करें, उनका निर्धरित दरों से सरकारी खाते से भुगतान प्रति महीने तुरंत
करवाएं। जब से आपने स्वास्थ्य अधिकार योजना का ऐलान किया है। सभी अस्पताल खाली हो गई हैं और कर्मचारियों के लिए एवं डॉक्टरों के लिए बड़ी दुविधा है, क्योंकि उनकी रोजी रोटी कैसे चलेगी ? अस्पतालों पैसे दे नहीं पायेगी ? तनख्वाह दे नहीं पाएंगी। प्रबंधन ने कहा है कि सुगनी देवी जेसराज अस्पताल 30 वर्षों से निःस्वार्थ, नो प्रॉपिफट-नो लॉस के आधार पर न्यूनतम चार्जेज के साथ कर रहा है। खर्चे में आय की कमी को हितैषी और दान दाताओं से आपूिर्त करते हैं। प्रबंधन ने कहा है कि हम सरकार को अस्पताल देने के लिए तैयार है या सरकार आरोग्य सेवा देने का खर्चा आपूर्ति करें।
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