Thursday, May 2, 2024
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राहुल गांधी मुद्दे पर एकजुट विपक्ष, भारत में चुनाव सुधारों से चिंतित

नई दिल्ली, 30 मार्च। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने की पृष्ठभूमि और अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
तृणमूल कांग्रेस लंबे समय बाद कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की किसी बैठक में शामिल हुई है। लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने राहुल गांधी को आयोग ठहराये जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उनका कहना है कि जल्दबाजी में किया गया यह निर्णय संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्य सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए।
केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष २०१९ के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ २०१९ में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। विगत १३ मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार सात कामकाजी दिनों तक लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही। विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं । दूसरी तरफ, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहा था।
भारत में विपक्षी दल भाजपा और नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान से ज्यादा चुनाव आयोग की ओर से किए जा रहे सुधारों से चिंतित हैं। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम तो सिर्फ एक चीज है, जिस पर विपक्षी दलों की चिंता जाहिर हो रही है। लेकिन असल में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां आयोग की ओर से प्रस्तावित कई और सुधारों को लेकर चिंतित हैं। उनको लग रहा है कि इन सुधारों से वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा, जिसका फायदा भाजपा को होगा और उनको घाटा हो सकता है। तभी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई और इसके कई पहलुओं पर चर्चा की।
इससे पहले कांग्रेस ने ईवीएम को लेकर विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी और साथ ही कई तकनीकी जानकारों को भी बुलाया गया था, जिन्होंने ईवीएम की कमियां बताईं और बाद में कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस पूरी प्रक्रिया में शामिल थे। तब कांग्रेस का मुख्य विरोध रिमोट ईवीएम को लेकर था, जिसका प्रस्ताव चुनाव आयोग ने दिया है। शरद पवार की चिंता भी रिमोट ईवीएम को लेकर है। इसके जरिए किसी राज्य का मतदाता दूसरे राज्य से भी वोट डाल सकेगा। विपक्षी पार्टियों ने इसकी कई व्यावहारिक समस्याएं चुनाव आयोग को बताई हैं। लेकिन पुरानी कहावत है कि जिस विचार का समय आ जाता है उसे कोई रोक नहीं सकता है।
सो, देर सबेर रिमोट ईवीएम का प्रयोग होने जा रहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कुछ और प्रस्ताव किए हैं, जिनको लेकर विपक्षी पार्टियां चिंतित हैं। इसमें सबसे ताजा प्रस्ताव प्रवासी भारतीयों को इलेक्ट्रोनिक बैलेट भेजने का है। चुनाव आयोग चाहता है कि दुनिया के दूसरे देशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भी मतदान करने का मौका मिले और इसके लिए उन्हें भारत आने की जरूरत न हो। इस योजना के तहत आयोग ने उनको इलेक्ट्रोनिक बैलेट भेजने का प्रस्ताव किया है। चाहे कांग्रेस हो या एनसीपी या दूसरी विपक्षी पार्टी उनको लग रहा है कि प्रवासी भारतीयों का वोट भाजपा को जाएगा। कई नेता इसमें गड़बड़ी की संभावना भी मान रहे हैं। इसलिए यह भी एक चिंता का मामला है।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर बैठे वोटिंग की व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक ८० साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगों को वोट डालने के लिए बूथ पर जाने की जरूरत नहीं है। उनको घर पर बैलेट देकर वोटिंग कराई जाएगी और उनकी वोटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। विपक्ष को लग रहा है कि यह व्यवस्था भी भाजपा को फायदा पहुंचाएगी। कह सकते हैं कि चुनाव आयोग जितने नए प्रस्ताव ला रहा है या सुधार की बात कर रहा है उनसे विपक्ष को आपत्ति है।
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