कोलकाता त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय ने आज यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि खुफिया एजेंसियों को 1993 मुंबई विस्फोट के गुनहगार याकूब मेमन के परिजन और दोस्तों को छोड़कर जनाजे में एकत्र हुए सभी लोगों पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि उनमें से कई ‘‘संभावित आतंकवादी’’ हो सकते हैं। राय ने ट्वीट किया, ‘‘खुफिया विभाग को मेमन के जनाजे में आने वाले सभी पर (रिश्तेदार और दोस्तों को छोड़कर) नजर रखनी चाहिए। कई संभावित आतंकी हो सकते हैं।’’
अपने बयानों के लिए आलोचना झेलने वाले राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘यह मेरा संवैधानिक दायित्व है कि सार्वजनिक हित के मुद्दे को लोगों के ध्यान में लाउं। इससे राज्यपाल के तौर पर मेरी हैसियत से कोई समझौता नही हुआ है।’’ बाद में, यहां एक टीवी समाचार चैनल से बात करते हुए राय ने कहा कि उन्होंने मेमन के परिजन और दोस्तों को इससे बाहर रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे लोग ऐसे व्यक्ति को देखने के लिए क्यों आए जिसे फांसी दी गयी। जरूर उन्हें उससे सहानुभूति रही होगी।’’ राय ने ट्वीट में यह भी कहा, ‘‘जब मैंने खुफिया निगरानी का सुझाव दिया, मैंने समुदाय का जिक्र नहीं किया।’’ राय की आलोचना करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उनका बयान संविधान के मुताबिक नहीं है। चटर्जी ने कहा, ‘‘अगर वह सरकार को कोई सलाह देना चाहते हैं तो उन्हें ट्विटर का सहारा नहीं लेना चाहिए। वह राज्य के मुख्यमंत्री से कह सकते थे या वह उन्हें एक संदेश भेज सकते थे।’’ तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि राय को याद रखना चाहिए कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं।