नेहा राठौर
यूपीपीसीएल फंड घोटाले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को लखनऊ हाई कोर्ट ने जमानत मिल गई है। हालांकि, कोर्ट ने एपी मिश्रा को सीबीआई कोर्ट में अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है। इससे पहले मामले में एपी मिश्रा ने बीते वर्ष सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी जमानत याचिका दायर की थी। उस समय कोर्ट ने उसे हाईकोर्ट जाने की हिदायत दी थी।

मामले में सीबीआई ने FIR 5 मार्च 2020 को दर्ज की थी। हालांकि यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एपी मिश्रा को नवंबर 2019 में गिरफ्तार किया था।
ये है पूरा मामला
पिछले साल यूपीपीसीएल के हजारों कर्मचारियों के भविष्य निधि का करोड़ों रुपया बैंक से निकालकर खस्ताहाल कंपनी यानी डीएफएचएल में निवेश किया जा रहा था। जब इस बारे में सीएम योगी को पता चला, तो उन्होंने इस घोटाले की जांच के लिए पहले एसआईटी को गठित किया और बाद में ये केस सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने 2020 में पूरे 4323 करोड़ रुपये के इस घोटाले में अपनी जांच शुरू की। इस दौरान उन्होंने यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा, तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
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