Saturday, May 11, 2024
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मनीष सिसोदिया बनें पहले शिक्षामंत्री जो शराब घोटाले में हुए गिरफ्तार, आप पार्टी सड़कों पर, सीबीआई ने 6 महीने जांच के बाद की गिरफ्तारी

नई दिल्ली, 27 फरवरी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021-22  की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है। अगर घटनाक्रम पर गौर करें तो सिसोदिया की गिरफ्तारी न तो क्षणिक है और न ही बिना तैयारी के की गई गिरफ्तारी। उनकी गिरफ्तारी से पहले एंजेसी ने 6 महीने की जांच पड़ताल की है। इस सिलसिले में एक दर्जन ने ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सिसोदिया पर हाथ डाला है। इसलिए सिसोदिया का आसानी से इस मामले से निकल पाना नामुमिकन है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।  जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को तानाशाही की पराकाष्ठा और लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। वहीं सिसोदिया ने कहा कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं और उन्हें विश्वास है कि अदालत में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया जाएगा। इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार और आप के बीच राजनीतिक खाई और गहरी हो सकती है।

पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है। सिसोदिया को 2021-22 के लिए आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं पर लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था।  सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया।

सिसोदिया की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री निर्दोष हैं और उनकी गिरफ्तारी ‘गंदी राजनीति’ है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया या आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं ने शराब नीति में हुए संदिग्ध भ्रष्टाचार के सिलसिले में कभी सवालों का जवाब नहीं दिया।  भाजपा ने यह भी कहा कि उसका मानना है कि गिरफ्तार नेता के खिलाफ इस मामले में दम है। पात्रा ने सिसोदिया को ‘शराब मंत्री’ कहा और उन पर पिछले दरवाजे से अपनी पार्टी के लिए पैसा जुटाने के लिए थोक विक्रेताओं के कमीशन में बढ़ोतरी सहित कई अनियमितताओं का आरोप लगाया।

इस बारे में सीबीआई ने अपने बयान में कहा कि सिसोदिया को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत 19 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था। एजेंसी ने कहा कि उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए। उन्हें 26 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं, दिनेश अरोड़ा और अन्य आरोपियों के साथ उनके कथित संबंधों और कई फोन से संदेशों के आदान-प्रदान के विवरण सहित अन्य मुद्दों पर मंत्री से पूछताछ की। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि यह महसूस किया गया कि सिसोदिया से गहन पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना आवश्यक है। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी संख्या एक के रूप में जिक्र किये गये सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17  अक्टूबर को पूछताछ की गई थी। इसके एक महीने बाद, पिछले साल 25 नवंबर को एजेंसी ने अपना आरोपपत्र दाखिल किया था। वह सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर-1 हैं।

दिल्ली में कथित शराब आबकारी नीति मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया।  आप के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने ट्विटर पर कहा कि  देश के लाखों बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को एक फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया है। पार्टी के गुजरात के गांधीनगर, हरियाणा के रोहतक, नोएडा आदि जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन हुआ।

अगर घटनाक्रम पर गौर करें तो सिसोदिया की गिरफ्तारी न तो क्षणिक है और न ही बिना तैयारी के की गई गिरफ्तारी। उनकी गिरफ्तारी से पहले एंजेसी ने 6 महीने की जांच पड़ताल की है। इस सिलसिले में एक दर्जन ने ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करने के बाद सिसोदिया पर हाथ डाला है। इसलिए सिसोदिया का आसानी से इस मामले से निकल पाना नामुमिकन है।

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