Tuesday, April 23, 2024
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अमृतपाल सिंह को बढ़ावा देने के पीछे ISI का हाथ, कट्टरपंथियों को भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन के लिए उकसाया

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने विदेश में खालिस्तान समर्थकों को लंदन सैन फ्रांसिस्को और कैनबरा आदि समेत कई जगहों पर कट्टरपंथी अमृतपाल के समर्थन में भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन के लिए उकसाया है। अमृतपाल को बढ़ावा देने के पीछे भी आइएसआइ का ही दिमाग रहा है।

नई दिल्ली । पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने विदेश में खालिस्तान समर्थकों को लंदन, सैन फ्रांसिस्को और कैनबरा आदि समेत कई जगहों पर कट्टरपंथी अमृतपाल के समर्थन में भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन के लिए उकसाया है। अमृतपाल को बढ़ावा देने के पीछे भी आइएसआइ का ही दिमाग रहा है।

 

 अधिकारियों ने किया दावा

अधिकारियों ने सोमवार को यह दावा किया। खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की। आस्ट्रेलिया में भी छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए। अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न देशों में सक्रिय आइएसआइ एजेंटों ने ही खालिस्तान समर्थकों को इस तरह की गतिविधियों के लिए भड़काया।

मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई

हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए मंदिरों आदि में भी तोड़फोड़ की गई। इस संबंध में उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हाल की घटनाओं का हवाला दिया। पिछले हफ्ते आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में भारत के वाणिज्य दूतावास को वहां खालिस्तान समर्थकों द्वारा एक अनधिकृत सभा करने और कार्यालय के प्रवेश द्वारों को अवरुद्ध करने के बाद मजबूरन बंद करना पड़ा था।

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने दिया था आश्वासन

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भारत को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार इस तरह के कट्टरपंथी कार्यों को कतई सहन नहीं करेगी। मेलबर्न में कई हिंदू मंदिरों में भी हाल के महीनों में खालिस्तान समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। कनाडा में भी हाल में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। वहां भी कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।

विदेश मंत्रालय ने की थी निंदा

सितंबर में विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कनाडा में भारतीयों के खिलाफ घृणा अपराधों और भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि की निंदा करते हुए इस पर चिंता जताई थी। फाउंडेशन फार इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआइआइडीएस) ने भी झूठे प्रचार के साथ सिख कट्टरपंथियों को उकसाने और वित्त पोषण करने के लिए पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आइएसआइ को दोषी ठहराया है।

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