Friday, April 19, 2024
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इटली के मिलान शहर में वरिष्ठ चित्रकार रूपचन्द के चित्रों की लगेगी प्रदर्शनी ! 

 –अपनी पत्रिका संवाददाता
दिल्ली। भारतीय कलाकारों की अन्तराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी “कला मिलन” का आगाज़ इटली के सुंदर शहर मिलान में  होगा !  विश्व हिंदी साहित्य परिषद्, भारत द्वारा आठवाँ अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं संस्कृति सम्मेलन 4 जून को मिलान में होगा । जिसमे भारतीय कलाकारों की चित्रकला प्रदर्शनी भी लगेगी !  वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. हरीश नवल इसकी अध्यक्षता करेंगे व  परिषद् के अध्यक्ष डॉ आशीष कंधवे जो इस सम्पूर्ण आयोजन के संयोजक तो हैं ही साथ ही अन्तराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी को  क्यूरेट करेंगे ! रूपचन्द  इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ़ाईन आर्ट, अशोक विहार, दिल्ली  इस  अंतराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी “कला मिलन” में सहयोगी संस्था के रूप में भागीदारी करेगी ।  राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त  इंस्टिट्यूट के निदेशक व कला शिक्षाविद चित्रकार रूपचन्द व्  इनकी स्टूडेंट हिमांशी आर्या, इंस्टिट्यूट से जुड़े वरिष्ठ कलाकारों की कलाकृतियों की भी प्रदर्शनी देश के अन्य कलाकारों के साथ लगेगी।  प्रतिभागी चित्रकार — हर्षवर्धन आर्य,  हिमांशी आर्या, ज्योत्स्ना सक्सेना, रूपचन्द, डॉ. स्नेह सुधा नवल, सतीश जोशी, सुनीलदत्त  ममगाई शामिल होंगे !  यह प्रदर्शनी हिल्टन गार्डन इन, मेलपांसा, मिलान, इटली में आयोजित  होगी !
भारत  के एक जानेमाने चित्रकार व् कला शिक्षक रूपचंद प्रसिद्ध समाज सेवी भी हैं। कई संस्थाओं में उच्च पदों पर आसीन रहते हुए अभी भी अपनी सेवायें निष्काम भाव से दे रहे हैं। जिसमें प्रतिष्ठित रोटरी क्लब भी शामिल है। चित्रकला विषय में स्नातकोत्तर रूपचन्द के चित्रों की 100 से ज्यादा प्रदर्शनी देश विदेश में लग चुकी हैं। ये  दो दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त चुके हैं जिसमें चित्रकला के क्षेत्र में वर्ष 2007 में भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी इन्हे सम्मानित कर चुकी हैं ।  इनके बनाये चित्रोँ के संग्रहकर्ता पूरे विश्व में हैं। प्रेम, विश्व शान्ति, भाईचारा व् आपसी सौहार्द इनके चित्रों के मुख्य विषय रहे हैं। सामाजिक मुद्दों पर भी कलाकृति के माध्यम से अपनी बात कहने में ये सफल प्रयास करते रहे हैं। भारतीय कला को विश्व में पहचान दिलाने के मकसद से रूपचन्द लगातार इस ओर कार्य कर रहे हैं। विश्व शान्ति विषय पर इनकी 65 फुट लम्बी बनाई ड्रॉइंग “विश्व हिन्दी साहित्य परिषद्” भारत के माध्यम से वर्ष 2017 में यूरोप के पांच देशों में प्रदर्शित की गई जिसको संस्था के अध्यक्ष डॉ. आशीष कन्धवे ने क्यूरेट किया । इनकी कला जगत की उपलब्धियों को भारत सहित विदेशी मीडिया ने भी प्रमुख स्थान देते हुए सराहा है।

 

 

 

 

 

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