नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते कोरोना को रोकने के लिए शादी समारोह में बेशक केवल 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति है लेकिन इसे मजबूरी कहें या मौका अथवा मनमानी कि दिल्ली सरकार के ये आदेश नार्थ दिल्ली में बेमानी साबित हो रहे हैं। शादियों के सीजन के पहले दिन ही भारत नगर और वज़ीर पुर के तमाम बैंक्वेट हॉलों में सारे नियमों को जमकर अनदेखी हो रही है।
ज्यादातर बैंक्वेट हॉल में 200 से 250 लोग नजर आए। दो गज दूरी और मास्क जरूरी बात भी शादी समारोहों में बेमानी नजर आती है। लगता ही नहीं, इन्हें सरकार की गाइड लाइन और पुलिस प्रशासन की कोई परवाह और डर नहीं है।
न मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग
दिल्ली की एक शादी का नजारा है जहां भीड़ को देखकर लगता है कि इस आदेश का कहीं पालन नहीं हो रहा है। नार्थ वेस्ट जिले के जिस इलाके में जाओ, ऐसी ही तसवीरें हैं। हर शादी में 150 से 250 लोग शामिल हो रहे हैं। इसे ख़ुशी कह लीजिये, शादी का मौक़ा या मेजबान और मेहमान की मजबूरी कि सरकार की गाइड लाइन पूरी तरह से साइड लाइन हो गयी है। यहाँ न मास्क जरूरी है और न दो गज दूरी।भीड़ में कितने लोग हैं जो बिना मास्क लगाए हुए हैं जैसे ही पुलिस नजर आती है मास्क पहनने लगते हैं।
जाम भी जरूरी
नार्थ वेस्ट दिल्ली के जीटी करनाल रोड, वज़ीर पुर इंडस्ट्रियल एरिया, लॉरेंस रोड के ज्यादातर बैंक्वेट हाल में तसवीरें कुछ ऐसी ही थी। अच्छी बात यह रही है कि किसी भी शादी में शराब का इंतजाम किसी भी बैंक्वेट हाल में नहीं था लेकिन शौक़ीन लोग भला कब मानते है एक जनाब ने तो बैंक्वेट के बाहर सड़क पर ही महफ़िल जमा ली। इन्हें न गाइड लाइन की परवाह थी और पुलिस की। लेकिन पुलिस की नजर जैसे ही पडी और 2000 रुपए का चालान भरना पड़ा तो सारा नशा काफूर हो गया। बाद में जनाब माफ़ी मांगने लगे थे।
ऐसा भी नहीं है कि हर जगह दिल्ली सरकार की गाइड लाइन को साइड लाइन कर दिया गया हो, ऐसे बैंक्वेट हाल की भी कमी नहीं थी जिन्होंने कोरोना संक्रमण से निपटने और सरकारी गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया है। गेट पर सैनेटाइजर, जिनके पास मास्क नहीं है, उनके लिए मास्क का इंतजाम। शादी में तय सीमा के भीतर ही गैदरिंग। इनके लिए अपनी और दूसरों की सुरक्षा ज्यादा मायने रखती है। लिहाज़ा इन्हें सरकार की गाइड लाइन का पालन करने में कोइ दिक्कत नहीं है।
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शादी वाले परिवारों की परेशानी
इन इलाकों में अधिकतर बैंक्वेट 500. और 600 से ज्यादा क्षमता के हैं। ऐसे में सवाल सरकार की गाइड लाइन पर भी उठाए जा रहे हैं कि इन बैंक्वेट हॉल में 150 .200 लोगों की अनुमति दी जा सकती थी लेकिन 50 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति ने बैंक्वेट हॉल की ही नहीं बल्कि शादी वाले परिवारों की भी परेशानी बढ़ा दी है। 200 से ज्यादा लोगों को कार्ड दिए जा चुकें है, लिहज़ा अब उनकी मुसीबत यह थी की वह किसे मनाएं और किसे बुलाएं लेकिन इस मौके ने प्रशासन की मौज कर दी है। बड़े बड़े बैंक्वेट हॉल को नजरअंदाज कर छोटे.छोटे बैंक्वेट और पंडालों पर नजर रखी जा रही है। शादियों का यह सीजन 12 दिसम्बर तक चलेगा लेकिन सरकार का यह फरमान कब तक चलता है यह देखना अभी बाकी हैै।
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