Friday, May 3, 2024
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अज़ान को लेकर छिड़े विवाद में बीजेपी और सपा की बयानबाजी

नेहा राठौर

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति द्वारा अजान को लेकर उठाए गए सवालों पर अब राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। बता दें कि कुलपति प्रोफेसर 3 मार्च को संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के डीएम को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा कि मस्जिद की अजान से उनकी नींद खराब हो जाती है, ऐसे में कोई एक्शन लिया जाए। अब इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं।

राजनीतिक बयानबाजी

इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने बयान देते हुए कहा कि जब से भाजपा सरकार बनी है, तब से सिर्फ जाति-धर्म की ही बात हो रही है बजाय इसके की रोजगार पर जोर दिया जाए।

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वहीं इस पर भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहना है कि नमाज़ करना लोगों का अधिकार है, लेकिन जैसा कि कोर्ट ही कह चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना लोगों की निजता का हनन करना है। उन्होंने आगे कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना संवैधानिक रूप से ठीक नहीं है।

मुस्लिम धर्मगुरु ने मामले को बताया साजिश

इसी मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने भी अपना बयान देते हुए कहा कि अज़ान तो सिर्फ दो या तीन मिनट के लिए ही होती है। शिकायतकर्ता को ये भी कहना चाहिए था कि जो रोज सुबह आरती होती है, उस कारण भी उनकी नींद में खलल पड़ता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ अज़ान के लिए ऐसी शिकायत करना बिल्कुल ठीक नहीं है, ऐसे में मुझे लगता है कि उन्हें अपनी इस शिकायत को वापस ले लेना चाहिए।

उधर, इस पर मौलाना सुफियान निज़ामी ने इस साजिश बताते हुए कहा कि प्रयागराज में कुंभ में, होली में और भी कई त्योहारों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है, तब तो किसी ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी। ऐसे में ये सिर्फ ये एक साजिश हो सकती है, ताकि अज़ान को बंद कराया जा सके।

वहीं, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सूफियान निजामी ने इस पर कहा कि हमारे देश में हर धर्म के लोग रहते हैं, इसलिए इस देश में कहीं अजान होती है तो कहीं मंदिर में भजन-कीर्तन किए जाते है। ऐसे में अगर कोई कहता है कि सिर्फ अजान की आवाज से ही उनकी नींद खराब होती है, तो ये गलत है।  

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