सुप्रीम कोर्ट का फैसला एमसीडी जल्द चुने मेयर, मनोनीत पार्षद नहीं कर पाएंगे वोटिंग
Supreme Court's decision: MCD will elect mayor soon, nominated councilors will not be able to vote
नई दिल्ली, 19 फरवरी। इस बीच दिल्ली में मेयर का चुनाव न होने की वजह से एमसीडी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शेड्यूल ऑफ टैक्स को बुधवार को ही जारी कर दिया था। इसे एमसीडी के विशेष अधिकारी ने जारी किया था। दिल्ली नगर निगम बजट 2023-24 का शेष भाग मेयर की उपस्थिति में जारी किए जाने की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जल्द ही एमसीडी के मेयर का चुनाव होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मेयर के चुनाव के लिए पहली मीटिंग के लिए 24 घंटे में नोटिस जारी किया जाए और नोटिस में मेयर चुनाव और अन्य चुनाव की तारीख बताई जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोई भी मनोनीत पार्षद वोट नहीं डाल पाएंगे। इससे जहां आप पार्टी ने रहात की सांस ली है वहीं बीजेपी खेमे में मायूसी साफ दिख रही है।
दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे।एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के एलजी के फैसले को चुनौती देने वाली आप नेता डॉ। शैली ओबेरॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया।
कोर्ट ने एमसीडी और एलजी की दलील नहीं मानी कि पहली मीटिंग में मनोनीत पार्षद वोट कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि मेयर के चुनाव के लिए पहली मीटिंग के लिए 24 घंटे में नोटिस जारी किया जाए। नोटिस में मेयर चुनाव और अन्य चुनाव की तारीख बताई जाए। वोटिंग में हो रही देरी पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की राजधानी में ये हो रहा, अच्छा नहीं लगता।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। केजरीवाल ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत है। सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया है कि एलजी और बीजेपी मिलकर आए दिन दिल्ली में कैसे गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं। वहीं एमसीडी के वकील एडिशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने फिर दोहराया है कि एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) वोट दे सकते हैं।
आम आदमी पार्टी की ओर से अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अनुच्छेद 243R देखें। संविधान का अनुच्छेद 243R एल्डरमैन को वोटिंग का अधिकार नहीं देता है। पैरा 1 कहता है कि मनोनीत व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते। इस चुनाव के लिए इस नगर पालिका के लिए यह अधिनियम इसे दर्शाता है, वह खंड 3ए है। वास्तविक नियमों को देखें। पहले आप महापौर का चुनाव करते हैं और फिर महापौर शेष बैठक की अध्यक्षता करते हैं। कोर्ट को चुनाव की तारीख तय करनी चाहिए। जो भी हो उन्हें चुनाव कराना चाहिए। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 243R के हिसाब से मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते। चुनाव जल्द से जल्द होना बेहतर है। अब पहले मेयर का चुनाव होगा। उसके बाद डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग काउंसिल का चुनाव होगा। पर फैसला सुनाते हुए डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रथम दृष्टया, अनुच्छेद 243R से पता चलता है कि मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकते हैं। पहले चुनाव के लिए कल बैठक होगी। मेयर का चुनाव तत्काल होना है।
दरअसल पिछले दो महीनों में दिल्ली में मेयर के चुनाव के तीन असफल प्रयास हुए। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया है कि दिल्ली नगर निगम को जल्द ही उसका नया मेयर मिलेगा। आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में मनोनीत सदस्यों के वोटिंग करने के अधिकार को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। मानदंडों के अनुसार, एक नगरपालिका आयुक्त की ओर से नागरिक निकाय की स्थायी समिति की एक विशेष बैठक में बजट पेश किया जाता है। इसके बाद अलग-अलग वैधानिक, विशेष समितियों और क्षेत्रीय वार्ड समितियों के अध्यक्षों की तरफ से इस पर चर्चा की जाती है। अंत में सदन का नेता बजट को अंतिम रूप देता है। वह आयुक्त की ओर से प्रस्तुत बजट में किए गए प्रस्तावों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है।
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