Saturday, April 27, 2024
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जयललिता की जमानत अवधि चार महीने बढ़ी

नई दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की जमानत आज चार महीने के लिए बढ़ा दी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उनकी याचिका पर त्वरित सुनवाई के लिए तीन महीने के भीतर एक विशेष पीठ बनाने को कहा। प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू के नेतृत्व वाली एक पीठ ने आदेश दिया कि मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अन्नाद्रमुक प्रमुख की ओर से दाखिल याचिका पर उच्च न्यायालय रोजाना के आधार पर सुनवाई करे।

पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी भी थे। पीठ ने कहा, ‘‘मामले में तथ्यों पर गौर करते हुए हम कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अपील पर सुनवाई के लिए रोजाना के आधार पर एक विशेष पीठ बनाने की गुजारिश करते हैं। सुनवाई तीन महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए।’’ पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत द्वारा 17 अक्तूबर को दी गयी जमानत, चार महीने के लिए और 18 अप्रैल 2015 तक बढ़ाई जाती है।’’

न्यायालय ने जयललिता की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी से भाजपा नेता सुब्रमण्यण स्वामी को मामले के दस्तावेजों की एक प्रति भी मुहैया कराने को कहा। आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनायी गयी थी और 100 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान स्वामी ने तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था का मसला उठाते हुए कहा कि मारे जा चुके लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के पोस्टरों को पूरे राज्य में चिपकाया गया। पीठ ने कहा, ‘‘हम आपको (स्वामी) छूट देते हैं कि अगर कुछ भी आपके खिलाफ है तो आप हमारे सामने जिक्र कर सकते हैं। हम उस पर गौर करेंगे।’’

17 अक्तूबर को शीर्ष अदालत ने जयललिता को सर्शत जमानत देते हुए कहा था कि अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई पांच महीने के भीतर होनी चाहिए। निचली अदालत ने उन्हें 27 सितंबर तक जेल भेज दिया था। अन्नाद्रमुक प्रमुख की करीबी सहयोगी शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी जमानत देने वाली शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई आज के लिए मुकर्रर करते हुए जमानत याचिका के निपटारे से इंकार कर दिया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय की ओर से जमानत नहीं मिलने के बाद जयललिता ने जमानत के लिए नौ अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय का रूख किया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें मामले में महज चार साल जेल की सजा हुयी है और वह विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं और इस आधार पर उन्हें तुरंत राहत दी जाए।


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