Friday, April 26, 2024
Homeप्रदेशकालाधन जमा करने वालों की नयी सूची की जांच होगी

कालाधन जमा करने वालों की नयी सूची की जांच होगी

नई दिल्ली। विदेश में काला धन रखने वालों की नयी सूची से उठे तूफान के बीच सरकार ने आज कहा कि वह इसमें भारत से संबंधित सभी नए मामलों की जांच करेगी। सरकार ने यह भी बताया कि वह एचएसबीसी की स्विट्जरलैंड और अन्य स्थानों में स्थित शाखाओं में भारतीयों के अघोषित खाताधारकों के नाम हासिल करने के लिए एक व्हिसिल-ब्लोअर से संपर्क में है। वित्त मंत्री अरुण जेटली  ‘‘कुछ नए नामों का खुलासा किया गया है जिनकी प्रामाणिकता की जांच संबंधित विभागों द्वारा की जाएगी।’’ सरकार ने कहा है कि 600 से अधिक मामलों में अघोषित विदेशी खातों से जुड़ी विश्वसनीय सूचना के आधार पर विदेशी सरकारों से सूचना मांगी गई है।

जेटली और सरकार इंडियन एक्सप्रेस अखबार में आज प्रकाशित एक खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कहा गया है कि एचएसबीसी की नयी सूची में भारतीयों के 1,195 नाम है। यह संख्या इससे पहले जारी सूची की दो गुनी है जिसमें 628 भारतीय नाम थे। पहली सूची 2011 में फ्रांस सरकार ने भारत को दी थी। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज नयी सूची पर चर्चा की। उसका आकलन है कि इसमें 100 नाम नए हो सकते हैं। एसआईटी के उपाध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजित पासायत ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘हम ऐसे सभी नए मामलों पर विचार करेंगे जिनमें काले धन के साक्ष्य मिले हैं.. हम ऐसे सभी मामलों में जांच पूरी करेंगे जिनके संबंध में कार्रवाई की समय सीमा 31 मार्च 2015 को समाप्त हो जाएगी।’’ पासायत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से नयी सूची के संबंध में सूचना इकट्ठा कर जल्द से जल्द एसआईटी को सौंपने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि आज के घटनाक्रम से जांच का दायरा बढ़ गया है। इधर इस सूची में शमिल अंबानी बंधु- मुकेश और अनिल, प्रवासी भारतीय कारोबारी नरेश गोयल और राजनेता नारायण राणे जैसे कुछ बड़े उद्योगपतियों और अन्य ने विदेश में अपना किसी तरह का अवैध खाता होने की बात से इनकार किया है।

संवाददाताओं के साथ वित्त मंत्री जेटली की बातचीत के बाद जरी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एचएसबीसी की पहली सूची में जिन 628 भारतीयों के नाम हैं उनमें से 200 या तो प्रवासी हैं या इनके ठौर ठिकाने का पता नहीं चल सका है। शेष 428 मामले भारत के निवासियों के हैं जिनमें कार्रवाई की जा सकती है। इन 428 मामलों में बैंक खातों में अधिकतम जमा करीब 4,500 करोड़ रुपए तक थी। आधिकारिक बयान में कहा गया कि आयकर विभाग उस ‘व्हीसल ब्लोअर’ (गड़बड़ी का भांडाफोड़ करने वाले आंतरिक व्यक्ति) के संपर्क में है जिसने एचएसबीसी की स्विट्जरलैंड शाखा के अघोषित बैंक खाताधारकों का भांडाफोड किया था। उन्होंने कहा ‘‘उससे एचएसबीसी की स्विट्जरलैंड और अन्य गंतव्यों में भारतीयों के अघोषित बैंक खातों के संबंध में अपने पास उपलब्ध सूचनाएं उपब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।’’ बयान में कहा गया कि पिछले छह महीने में सरकार ने जोरदार और सक्रिय पहल की है ताकि भारतीयों के अघोषित विदेशी खाते या परिसंपत्तियों के मामले में जांच तेज की जा सके। विदेशी सरकारों के साथ उपयोगी संपर्क स्थापित किए गए हैं जो इस संबंध में और जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं।

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments