मध्यप्रदेश में नागरिकों को अपने दस्वावेज बनवाने से संबंधित छोटे-छोटे काम करने के लिए अब सरकारी दफ्तरों के ज्यादा चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। दरअसल, प्रदेश में लोकसेवा गारंटी अधिनियम-2010 लागू है, जिसके माध्यम से प्रदेशवासी अपने कार्य निर्धारित समय में करा लेते हैं। अगर कार्य में विलंब होता है, तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को न केवल दंडित किया जाता है, बल्कि उससे जर्माना वसूलकर आवेदन को क्षतिपूर्ति की जाती है। प्रदेश का लोकसेवा गारंटी अधिनियम नागरिकों के लिए तो वरदान साबित हो ही रहा है, भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की नकेल कसने में भी कारगर है। इस अधिनियम की उपयोगिता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा लगातार इसका विस्तार किया जा रहा है। 2010 में 26 सेवाओं को शामिल किए गए इस अधिनियम में फिलहाल राज्य के 22 विभागों की 124 सेवाएं नागरिकों को प्राप्त हो रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लोक सेवाओ के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत 22 विभागो की 124 सेवाओ को अधिसूचित किया गया है। साथ ही 16 विभागो की 68 सेवाओ को अब ऑनलाईन कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत लाडली लक्ष्मी योजना ,कानुनी बाध्यता मे आवश्यक आय एवं मूल निवासी,प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र, चालु एवं पंचसाला खसरा बी-1, जन्म -मृत्यू प्रमाण पत्र ,नवीन एपीएल /बीपीएल राशन कार्ड, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, दुकान संस्थान के स्थापना पंजीयन, श्रम पंजीयन, अविवादित नामांतरण एवं सीमांकन, पानी पीने योग्य है या नही, हेंडपंप सुधारवने हेतु, चालु नकशा, एफ आई आर की प्रति, सशस्त्र लायसेंस नवीनीकरण जैसी 124 सेवाओ को संबंधित सेवाओ के आवश्यक दस्तावेजो की जानकारी इन केन्द्रो के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। लोक सेवा केन्द्रो के माध्यम से नागरिक बन्धु इन सेवाओं को निश्चित समय सीमा मे प्राप्त कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश के लोकसेवा गारंटी अधिनियम में 22 विभागों की 124 सेवाएं उपलब्ध
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