नेहा राठौर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पूरे देश में उत्साह का माहौल बना हुआ है। देश में कई जगहों पर महिला शक्ति का परिचय देते हुए महिलाओं को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। ऐसे ही किसान महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं, जिन्हें एक सुपरवुमन की तरह देखा जाता है जो घर के साथ-साथ खेत भी को संभालती हैं और अब जरूरत पड़ने पर आंदोलन में भी साथ दे रही हैं।
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हमने महिलाओं को सिर्फ खेतों में काम करते हुए ही देखा है, लेकिन सोमवार को महिला दिवस के अवसर पर सभी महिला प्रदर्शनकारी महिला शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए आंदोलन स्थलों पर पहुंच रही हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 40 हजार महिला किसान प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचेंगी। इनमें से हजारों महिलाएं पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग जिलों से ट्रैक्टर चला कर दिल्ली आ रही हैं।
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इस अवसर पर किसानों द्वारा महिला प्रदर्शनकारी को सभी प्रदर्शन स्थलों का केंद्र बनाया गया है। इस पर किसान नेताओं का कहना है कि आज कृषि और जीवन में महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की पूरी तैयारी की गई है।
आपको बता दें कि किसान यूनियनों ने यह दावा किया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 40,000 महिलाएं दिल्ली विरोध स्थलों पर जमा होंगी, इनमें सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाएँ को शामिल किया गया हैं। वैसे तो हर किसान संघ की अपनी महिला शाखा है, लेकिन यह भारतीय किसान संघ की सबसे बड़ी शाखा है। सोमवार को महिला दिवस मनाने के बाद सभी महिलाएं वापस अपने घर को वापस लौट जाएंगी।