दिल्ली में वोट प्रतिशत घटना अच्छा संकेत नहीं

दिल्ली नगर निगम के 270 वार्डों पर हुए चुनाव में मात्र 54 प्रतिशत वोट डाले गये हैं, जो वर्ष 2012 के 58 प्रतिशत वोटिंग से 4 प्रतिशत कम हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जहां शिक्षा का प्रतिशत और लिविंग स्टैण्डर्ड हाई माना जाता है, वहां वोट का प्रतिशत कम होना सरकार, चुनाव आयोग और मतदाताओँ के बीच जागरुकता फैलाने वाले संस्थाओँ के माथे पर शिकन जरुर पैदा करेगा। मतदाताओँ का मतदान से मुंह मोड़ना कई सवालों को जन्म देता है। क्या मतदाता किसी भी प्रत्याशी में अपने क्षेत्र के नुमाइंदे होने का स्वरुप नहीं देख पा रहे हैं या लोकतंत्र के इस महापर्व से उनका मोहभंग हो रहा है? मतदाता आखिर किस तरह के नुमाइंदे अपने क्षेत्र में चाहते हैं, लेकिन इसके लिए भी उन्हें पोलिंग बूथ पर जाना होगा, क्योंकि चुनाव आयोग ने उनके लिए प्रत्याशियों को नापसंद करने हेतु ‘नोटा’ का ऑप्शन दे रखा है। हालांकि सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद वोटिंग के लिए लोगों का घर से बाहर नहीं निकलना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता।

दिल्ली नगर निगम के मौजपुर और सराय पीपल थाला वार्ड में उम्मीदवारों की मौत के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया था, जिसके कारण प्रदेश की कुल 272 वार्डों में से 270 वार्डों में ही चुनाव हो सका। इस बार चुनाव में कुल 2,537 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि वर्ष 2012 में हुए चुनाव में कुल 2,423 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। इस प्रकार वर्ष 2012 के चुनाव की अपेक्षा वर्ष 2017 में 114 उम्मीदवार अधिक हैं। वर्ष 2012 में जहां करीब 1 करोड़ 12 लाख लोगों ने वोट डाले थे, वहीं इस साल 1 करोड़ 32 लाख 206 मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल किये हैं। इस तरह पिछले चुनाव की तुलना में इस बार करीब 20 लाख 206 मतदाता ज्यादा मतदान किये हैं। वहीं चुनाव आयोग ने पहली बार निगम के चुनाव में वोटरों के लिए  ईवीएम और नोटा का इस्तेमाल किया है। हालांकि मतदाताओं में ‘नोटा’ के प्रति जागरुकता की कमी है। काफी लोग नोटा के नाम से अपरिचित हैं। लोग यह नहीं जानते कि नोटा क्या है और इसका क्या कार्य है। वहीं इस चुनाव में राजनीतिक दलों में प्रदेश की आम आदमी पार्टी और स्वराज इंडिया पार्टी निगम चुनाव पहली बार लड़ रही है।

दिल्ली चुनाव आयुक्त एस के श्रीवास्तव के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 1,004, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 985 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 548 पार्षद उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं । प्रदेश की कुल 1 करोड़ 32 लाख 206 मतदाताओं के लिए 13,022 बूथ बनाए गए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सबसे ज्‍यादा वोटिंग का प्रतिशत पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम में रहा, जहां 55 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके बाद उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम में 54 वोट डाले गये जबकि दक्षिणी दिल्‍ली नगर निगम में 50 प्रतिशत लोगों ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने यह साबित कर दिया है कि उसे हैक नहीं किया जा सकता। यह एक मजबूत मशीन है । हालांकि कुछ स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी और मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और निराश होकर घर भी लौटना पड़ा। आलम यह रहा कि ईस्ट आजाद नगर स्थित बूथ पर ईवीएम की गड़बड़ी के कारण बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली को बिना मत डाले ही वापस होना पड़ा।

नगर निगम चुनाव में सुरक्षा के तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद कुछ छिटपुट घटनाएं भी हुई। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए भारी तादाद में सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्रों और उसके आस-पास तैनात किये। मतदान भी समय पर शुरू हुआ। लेकिन सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद कई मतदान केंद्रों और उसके आस-पास हंगामा, घेराव और मारपीट की नौबत रही। चुनाव केंद्र पर गड़बड़ी को लेकर रोहिणी विधानसभा के वार्ड नंबर 59 में कांग्रेस और स्वराज इंडिया पार्टी प्रत्याशी और समर्थकों के बीच मारपीट हुई, जिसके बाद स्वराज इंडिया पार्टी के प्रत्याशी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । महेंद्रा पार्क थाना इलाके में वार्ड नंबर-21 के कांग्रेस और बीएसपी कार्यकर्ताओं के बीच जबर्दस्त भिड़ंत हुई, जिसमें बीएसपी प्रत्याशी को काफी चोटें आईं और उसे भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वहीं शालीमार बाग इलाके में मतदान में गड़बड़ी से गुस्साये लोगों ने काफी देर तक हंगामा किया और मतदान कर्मियों को बंधक बनाए रखा। हालांकि पुलिस बल ने जल्द ही मतदान कर्मियों को मुक्त करवा लिया। प्रदेश भर में ऐसे मामले कोई एक या दो स्थानों पर नहीं बल्कि कई स्थानों पर हुए हैं।

हालांकि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और हिंसा नहीं हो इसके लिए करीब 56,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। इन सुरक्षाबलों में दिल्ली पुलिस के जवान, होमगार्ड्स, सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज के अलावा आतंक निरोधी दस्ते के जवान भी शामिल रहे। प्रदेश में कुल 13,022 पोलिंग बूथ में से 3,284 संवेदनशील और 1,464 अति संवेदनशील था। इसकी सुरक्षा के लिए  पैरामिलिट्री फोर्सेज की 40 कंपनियां और होम गार्ड्स के 20,000 जवान समेत कुल 56,256 जवान तैनात किये गये ।

गौरतलब है कि वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम चुनाव में कुल 272 वार्डों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी-138, कांग्रेस-78 और बीएसपी-15 सीटें मिली और बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाया था। वहीं जब 26 अप्रैल 2017 को नगर निगम चुनाव के परिणाम घोषित किये जाएंगे तो देखने की बात यह होगी कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं और कौन पार्टी निगम में सरकार बना पाती है।

Comments are closed.

|

Keyword Related


link slot gacor thailand buku mimpi Toto Bagus Thailand live draw sgp situs toto buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ togel macau pub togel http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya syair hk Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 slot depo 5k togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi Daftar Bandar Togel Terpercaya 2023 Terbaru