Thursday, May 16, 2024
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Uniform Civil Code : ‘UCC का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि…’,  

JDU On UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के भोपाल में समान नागरिक संहिता पर दिए बयान के बाद यह मुद्दा गरमाया हुआ है. अब जेडीयू ने यूसीसी पर अपना रुख बताया है.

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बुधवार (28 जून) को कहा कि उनकी पार्टी और नीतीश कुमार समान नागरिक संहिता का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि चाहते हैं कि सबको साथ मिलाकर और सलाह-मशविरा करके यूसीसी पर आगे बढ़ना चाहिए।

इसी के साथ जेडीयू नेता ने यह भी कहा कि बीजेपी यूसीसी को इसलिए मुद्दा बना रही है क्योंकि 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है। इस मुद्दे पर और कई दलों की प्रतिक्रियाएं आई हैं।

यूसीसी पर ‘आप’ नेता संदीप पाठक ने भी अपनी पार्टी पार्टी का रुख बताया है।  उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता के समर्थन में है लेकिन सभी धर्म-संप्रदायों के साथ इसे लेकर चर्चा करने के बाद एक आम सहमति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद कहता है कि यूसीसी होना चाहिए।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ये कहा

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी के उस बयान पर निशाना साधा कि ‘दो कानून होने से घर नहीं चलता है तो दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा.’ चिदंबरम ने कहा कि परिवार खून के रिश्तों के धागे से बंधा होता है जबकि राष्ट्र संविधान से चलता है। उन्होंने जिक्र किया कि संविधान लोगों के बीच विविधता और बहुलता की मान्यता देता है।

मुख्तार अब्बास नकवी का विपक्षी दलों पर निशाना

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यूसीसी को इन ‘सांप्रदायिक शिल्पकारों’ से मुक्त कराने का समय आ गया है क्योंकि यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है।

दरअसल पीएम मोदी ने मंगलवार को यूसीसी की जरूरी बताते हुए कहा था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा है।  पीएम ने कहा था, ”हम देख रहे हैं समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.’’

उन्होंने कहा था, ”ये लोग (विपक्ष) हम पर आरोप लगाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे मुसलमान, मुसलमान करते हैं। अगर वे वास्तव में मुसलमानों के हित में (काम) कर रहे होते तो मुस्लिम परिवार शिक्षा और नौकरियों में पीछे नहीं होते.”

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