Sunday, September 8, 2024
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Shiv Sena : गौतम अडाणी प्रधानमंत्री के लिए ‘पवित्र गाय’

Shivsena : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर ‘काउ हग डे’ मनाने के आदेश पर तंज किया है। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के मौके पर ‘काउ हग डे’ मनाने की पहल को एक मज़ाक बताया है। बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में अडाणी मामले कॉम लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर भी कटाक्ष किए गए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय कहा गया है कि अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी प्रधानमंत्री के लिए ‘पवित्र गाय’ हैं।

क्या था ‘काउ हग डे’ मनाने का आदेश, सामना ने कैसे किया कटाक्ष

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने लोगों से “सकारात्मक ऊर्जा” फैलाने और “सामूहिक खुशी” को प्रोत्साहित करने के लिए वेलेंटाइन डे को ‘काउ हग डे’ (गाय को गले लगाने के दिवस) के रूप में मनाने का आग्रह करते हुए एक आदेश जारी किया था। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने इस कदम का समर्थन किया है। जबकि सोशल मीडिया पर इस कदम का काफी मज़ाक भी उड़ाया गया है।

शिवसेना के मुखपत्र राजनीतिक कटाक्ष के लिए जाना जाता है। मुखपत्र सामना ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) के इस कदम का मज़ाक उड़ाते हुए अडाणी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया है।

‘मोदी ने अडाणी पर बात नहीं की लेकिन उनकी सरकार ने गायों पर बात की है’

‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में पिछले कुछ सप्ताह में भारी गिरावट आई है। वहीं अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना के उद्धव गुट ने कहा कि अडाणी के खिलाफ संसद में विरोध के बावजूद, प्रधानमंत्री ने “घोटाले” पर एक भी शब्द नहीं बोला। मोदी ने संसद में अडाणी के बारे में बात नहीं की, लेकिन उनकी सरकार ने गायों पर बात की। संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अडाणी शेयर बाजार के बिग बुल’ हैं, लेकिन मोदी के लिए वह एक ‘होली काऊ’ (पवित्र गाय) हैं।

शिवसेना के संपादकीय में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव सिर्फ एक साल दूर हैं। ऐसे में मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पास विकास को लेकर दिखाने के लिए बहुत कुछ नहीं है, इसलिए वह राम मंदिर और गायों जैसे मुद्दों के नाम पर वोट मांग रही है।

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