अपनी पत्रिका ब्यूरो
जयपुर/बाड़मेर। सहारा इंडिया के एक और एजेंट ने आत्महत्या कर ली है। यह एजेंट राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा गांव के रहने वाले हेमंत कुमार मेघवाल (35 वर्ष) थे। आत्महत्या करने से पहले हेमंत कुमार मेघवाल ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। इस सुसाइड नोट में उन्होंने इस आत्महत्या के लिए सहारा इंडिया कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। इस सुसाइड नोट में मेघवाल ने लिखा है कि निवेशक उस पर पैसा देना का तगादा डाल रहे थे पर सहारा इंडिया उसे पैसा नहीं दे रहा था। उन्होंने लिखा है कि सहारा इंडिया में लाखों निवेशकों के पैसे अटके हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई के लिए मार्मिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखा है कि उसे उन्होंने अपने बेटे की तरह पाला है। उन्होंने अपने छोटे भाई अपने बच्चों की देखभाल करने की भावुक अपील की है। मेघवाल के आत्महत्या करने पर सैकड़ों की संख्या में लोग बायतु सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गये हैं।
दरअसल सहारा इंडिया में भुगतान न होने की वजह से आये दिन सहारा एजेंट के आत्महत्या करने की खबरें आ रही हैं। सहारा इंडिया ने मोटा लालच देकर इन एजेंटों से पैसा तो जमा करवा लिया पर जब देने का नंबर आया तो पैसा क्यू शॉप में कनवर्जन करा लिया। अब सहारा प्रबंधन सहारा सेबी में 25 हजार करोड़ रुपये होने की बात कर उस पैसे के मिलने पर निवेशकों के भुगतान की बात कर रहा है। सहारा मामले में बड़ा पेंच यह है कि अभी तो सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय ने सेबी का ही पूरा पैसा जमा नहीं किया है। यही वजह है कि यदि सहारा की संपत्ति बिकती भी है तो वह सहारा सेबी के खाते में जाएगी। मतलब निवेशकों को नहीं मिलेगा। हालांकि हाल ही में मध्य प्रदेश के जावरा में सहारा निवेशकों को ५ करोड़ का भुगतान दिया गया है।
सहारा इंडिया के खिलाफ ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा और जप तप बड़े स्तर पर आंदोलन करते हैं। ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा का नेतृत्व अभय देव शुक्ला कर रहे हैं तो जप तप की मदन लाल आजाद। दोनो ही संगठन निवेशकों का भुगतान कराने का संकल्प ले चुके हैं। ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा जहां देशभर में सहारा इंडिया के साथ ही केंद्र सरकार को घेर रहा है वहीं मदन लाल आजाद बड्स एक्ट के तहत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। वह ठगी कंपनियों के पीड़ित निवेशकों के पक्ष में दूसरी भारत यात्रा पर निकले हुए हैं।